Chhath Puja 2023: “छठ सिर्फ एक त्यौहार नहीं है बल्कि एक इमोशन है” ये बात सिर्फ बिहार या फिर यु पी वाले लोग ही समझ सकतें हैं। लेकिन बहुत सारे लोगों को छठ के बारे में जानने की बहुत उत्सुकता होती है। लेकिन उनको सही से Chhath Puja Vidhi की जानकारी नहीं मिल पाती है।
तो आज के इस आर्टिकल “Maha Parv Chhath Puja” में हम आपको छठ से जुडी सारी जानकारी देने वाले हैं। हम आपको छठ मानाने का पूरा तरीका (Chhath Puja Vidhi) बताने वाले हैं तथा छठ में किन सामग्री का उपयोग होता है और छठ का क्या प्रशाद होता है ये सारी जानकारी देने वाले हैं। तो आपसे अनुरोह है की कृपया आप इस आर्टिकल को पुरे अंत तक ध्यान से जरूर पढियेगा।
छठ क्यों मनाया जाता है ? – Chhath Puja 2023
Chhath Puja: कहतें हैं की जब श्री राम जी लंका से रावण का वध करके वापस अयोध्या आये तब उनकी स्वागत में दीपावली मनाई गयी। और फिर उनका राज्याभिषेक हुआ। लेकिन फिर भी श्री राम जी को लग रहा था की उन्होंने पाप किया है।
हालाँकि राजा का कर्तव्य होता है बुराई का अंत करना लेकिन कहा जाता है की रावण इस पुरे ब्रह्माण्ड का सबसे बड़ा ब्राह्मण था। और ब्राह्मण का वध करना महापाप होता है। और रावण भले ही गलती किये थे लेकिन उसके कर्म अच्छे भी थे।
छठ पूजा का इतिहास: तो इसीलिए श्री राम जी ने ऋषि मुनियों से सलाह लेने के लिए सोचे और उन्होंने बहुत सारे ज्ञानीयों को बुलाया। तब महर्षि जी ने श्री राम जी को सूर्य देवता की उपशना तथा आराधना करने की सलाह दिए। और उन्होंने श्री राम जी को सारा तरीका बताया।
तब श्री राम जी ने छठी मईया का व्रत (Maha Parv Chhath Puja 2023) रखे और सूर्य देव की भी उपाषणा किये और तभी से छठ पूजा मनाया जाता है। ये बात तो हो गयी की छठ क्यों मनाया जाता है। अब आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा की सूर्य देव का तो पता चल गया की क्यों उपशना की जाती है। अब चलिए जानते हैं की छाती मईया न का पूजा आराधना क्यों किया जाता है।
छठ पूजा का इतिहास – Maha Parv Chhath Puja
Chhath Puja Vidhi: देखिये छठ पूजा में षष्ठी देवी की या कहें तो छठी मईया की भी पूजा की जाती है सूर्य देव के साथ में। और तो और छठ पूजा के अवशर पर सूर्य देव की पत्नी उषा और प्रत्युष की भी पूजा की जाती है।
माना जाता है की छठी मईया अगर खुश होती हैं तो वो आपकी सन्तानो की रक्षा करतीं हैं। तथा उन्हें स्वस्त रखती हैं और दीर्घायु जीवन प्रदान कठिन हैं। लेकिन बहुत सारे लोगो का प्रश्न होगा की आखिर छठी माईयाँ हैं कौन?
छठी माईयाँ कौन हैं? – Maha Parv Chhath Puja
Maha Parv Chhath Puja 2023: इस पुरे सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी हैं प्रकीर्ति देवी और उनका एक मुख्या अंग हैं जिनका नाम देवसेना है। और प्रकीर्ति देवी का छठा अंग होने के कारण देवसेना को षष्ठी देवी कहतें हैं। ब्रह्मा जी की मानसपुत्री हैं षष्ठी देवी। पुराणों के अनुशार षष्ठी देवी का एक नाम कात्यायनी भी है।
और कात्यायनी देवी की पूजा नवरात्रों में भी होती है। जी हाँ आप सही समझ रहें हैं। नवरात्रों में छठी दिन हम कात्यायिनी माता का ही पूजा करतें हैं जिनको हम षष्ठी मईया या कहें की छठी मईया के नाम से जानते हैं। और कहा जाता है की छठी मईया निःसन्तानो को संतान देती हैं। और जिनकी संतान हैं उनकी संतानों की रक्षा करतीं हैं।
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कैसे मनाया जाता है छठ पूजा? Chhath Puja Vidhi
Maha Parv Chhath Puja Vidhi: छठ पूजा मानाने का एक अलग ही विधि है। और सनातन धर्म का सबसे बड़ा तथा कठिन पर्व छठ पूजा को ही माना जाता है। आपको पता होना चाहिए की जो भी व्रती छठ पूजा करतें हैं वे लोग पुरे 36 घाटे निर्जल यानि की बिना कुछ खाये पिए उपवास रखतें हैं।
सबसे पहले तो जैसे ही दीपावली ख़त्म होता है वैसे ही सूर्य देव तथा छठी मईया का गीत उन घरों में गवाया जाने लगता हैं जिनके यहाँ छठ हो रहा होता है। फिर त्रित्या के दिन नहाय खाय होता है। जिसमे सुध पीतल के वर्तन में आम के लड़की के आंच पर खाना बनाया जाता है सूर्य देव तथा छठी मईया को अर्पित किया जाता है।
महा पर्व छठ पूजा में खरना का विधि – Maha Parv Chhath Puja Vidhi
Chhath Puja Vidhi: फिर अगले दिन यानी की चतुर्थी के दिन खरना होता जिसमे शुद्ध दूध से छठी मईया का महा प्रशाद बना कर उन्हें चढ़ाया जाता है। और फिर उस प्रसाद को सभी लोगों को दिया जाता है। साथ ही जो प्रसाद छठी मईया को अर्पित होता है उससे सिर्फ व्रती के संतान ही खा सकतें हैं जिससे नेउ भी कहतें हैं।
अगला दिन यानि पंचमी को संध्या अर्ग होता है। इस दिन व्रती के संतान या कोई भी उसके घर के सर पे दौरा लेकर छठ घाट पर जातें हैं और वहां पर अश्त होते हुए सूर्य देव की उपशना की जाती है। और इसी दिन दोपहर या सुबह में ठेकुआ बना जाता है जो की छठ का महा प्रशाद होता है।
Chhath Puja 2023: फिर अगले दिन सुबह में उगते हुए सूर्य देव का पूजा किया जाता है साथ ही में अपने व्रत को चीनी तथा नीबू से बने सरवत को पी कर व्रती लोग संपन्न करे हैं। फिर प्रशाद बितरण किया जाता है।
और हमारे यहाँ एक बहुत प्रचलित कहावत है की छठ पूजा का प्रशाद अपने दुश्मन के भी यहाँ से मांग कर खाना चाहिए। इस तरह संपन्न होता है छठ पूजा। तो ये तो था की क्यों और ऐसे मनाया जाता है छठ पूजा। अब चलिए बात कर लेते हैं की इस वर्ष कब मनाया जायेगा छठ पूजा।
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कार्तिक छठ पूजा कब है 2023? Maha Parv Chhath Puja Kab Hai
Maha Parv Chhath Puja 2023 me kab hai: इस वर्ष नवंबर के 16 तारीख से 19 तारीख तक छठ पूजा मनाया जायेगा। 16 तारीख को नहाय खाय होगा यानि की तृत्य के दिन नहाय खाय है चतुर्थी यानी की 17 को खड़ना होगा 18 को संध्या अर्ग होगा तथा 19 को सुबह वाला अर्ग होकर छठ पूजा संपन्न होगा।
तो ये था छठ पूजा से जुड़ा साड़ी जनकारी। उम्मीद है की आपको छठ से जुडी सारी सवालों का उत्तर मिल गया होगा। और आप भी छठ पूजा माना रहें होंगे। अगर हाँ तो बोलिये जय छठी मईया और हैप्पी छठ पूजा।
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