श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज जीवन परिचय | Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Wikipedia, biography

 श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज का जीवन परिचय और उनके अद्भुत प्रवचन  (shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Wikipedia biography Jivan Parichay in Hindi, age, photo, contact number, date of birth, ashram vrindavan address, health, YouTube, kidney, family)

Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Wikipedia biography Jivan Parichay in Hindi 

लेख शुरू करने से पूर्व सभी को जय श्री राधे महारानी जी की🙏 आज का यह लेख उनके एक महान भक्त से संबंधित है जो आज काल यूट्यूब पर बहुत तेजी से वायरल हो रहे है। इनके प्रवचन सुन कर हर कोई ईश्वर की भक्ति में डूब जाता है और इनके प्रवचन इतने अधिक प्रभावशाली और वास्तविक होते है की मनुष्य का जीवन एकदम से परिवर्तित हो जाता है। उस भक्त का नाम है श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज (shri hit premanand govind Sharan ji maharaj) to बिना देरी किए चलिए जानते हैं महान व्यक्तित्व वाले संत पूज्य श्री प्रेमानंद जी महाराज के बारे में।

 पूज्य श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले में एक छोटे से गांव सरसों में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनका जीवन बहुत ही संघर्षों से भरा हुआ है और इन्होंने अपने विरक्त जीवन में बहुत से कष्ट सहे है। जिसका हम सभी इस लेख के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे।

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नामअनिरुद्ध कुमार पाण्डेय (shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Wikipedia biography)
पूरा नाम (संन्यास के बाद का नाम)श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज
Date of birthकोई जानकारी नहीं
जन्म स्थान (birth place)सरसों, कानपुर, उत्तरप्रदेश
पिताश्री शंभू पांडेय
गृह त्याग13 वर्ष की उम्र में
गुरु जी श्री गौरांगी शरण जी महाराज
Age 56
निवास स्थान अथवा आश्रमवृंदावन
श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज का जीवन परिचय | shri hit premanand govind Sharan ji maharaj biography in Hindi

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श्री हित प्रेमानंद गोविन्द शरण जी महाराज का जीवन परिचय | shri hit premanand govind Sharan ji maharaj biography in Hindi

Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj का नाम मात्र सोचने से एक आलौकिक ऊर्जा और प्रसन्नता का अनुभव होता है इतने अद्भुत व्यक्तित्व वाले महान संत है साक्षात् श्री कृष्ण राधा जी कृपा है।

प्रेमानंद जी महाराज “राधा वल्लभ सम्प्रदाय” से संबंध रखते है। Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj ने अपना सम्पूर्ण जीवन श्री राधा रानी के चरणों में समर्पित कर दिया है। पूज्य श्री हित प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन इतने प्रभावी होते है कि वह मुर्दे में भी जान डाल दे।

में स्वयं अपना अनुभव बताता हूं कि इनके सिर्फ 5 मिनट का प्रवचन YouTube से सुनता था और कुछ ही दिन के अंदर मेरे अंदर बहुत अधिक बदलाव आए है। 

Shri hit premanand ji maharaj का जन्म व बचपन

Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के सरसों गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन में इनका नाम अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय था।

माता पिता का नाम

इनके पिता जी का नाम शंभूनाथ पांडेय था। इनके पूरे परिवार में भक्ति भजन पूजा अर्चना और कथा प्रवचन का माहौल बना रहता था। ऐसे में इनके घर पर साधु संतो आ भी आना जाना हुआ करता था और प्रेमानंद जी महाराज उनसे खूब कथाएं और सत्संग सुना करते थे।

इनकी माता का नाम श्रीमती रमा देवी था जो रामायण महाभारत का पाठ महाराज जी को बचपन में सुनाया करती थी। इनके माता पिता सदैव भक्ति भजन में व्यस्त रहते थे। 

श्री हित प्रेमानंद महाराज जी का बचपन

इनके बड़े भाई श्रीमद्भागवत की कथाएं सुनाया करते थे। इनके कथाओं के कारण पूरे परिवार में आध्यात्मिक आभा का विकास हुआ।

घर में भक्ति का वातावरण होने के कारण इनका झुकाव भी आध्यात्म की तरफ होने लगा और ये भी बचपन से ही पूजा पाठ करने लगे। महज पांच वर्ष की आयु में गीता प्रेस प्रकाशन की, सुखसगर पत्रिका पढ़ा करते थे।

महाराज जी के  जप का आरंभ

छोटी सी उम्र में उनके मन में जीवन और परिवार मोह से संबंधित प्रश्न उत्पन्न होने लगे। उनमें से एक सवाल उनको बहुत ज्यादा पीड़ा दे रहा था वो था, की क्या माता पिता का प्रेम स्थाई है यदि नहीं तो ऐसे प्रेम जाल और मोह में क्यों फसे? और इस तरह वे अपने सवालों का जवाब जानने और सच्छा प्रेम जानने के लिए घर त्याग कर चल दिए। 

Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj का सन्यास जीवन 

श्री प्रेमानंद जी महाराज ने नैष्ठिक ब्रह्मचारी से एक नए जीवन का आरंभ किया जिससे उनको आनंदस्वरुप ब्रह्मचारी का नाम दिया गया। जिसके बाद वे सन्यास ग्रहण कर लिए। जब वे महाकाव्य स्वीकार किया तो उन्हें स्वामी आनंद श्रम महाराज का नाम मिला और इस प्रकार shri hit premanand govind Sharan ji maharaj शारीरिक चेतना से परे होकर जीवन में कठिन सिद्धांतो का अनुसरण करते हुए पूर्ण त्याग जीवन जीना शुरू किया। 

महाराज जी सन्यास जीवन कैसे बीता

जब वे 12 वर्ष की आयु में गृहत्याग कर सन्यास लेने के लिए निकल पड़े तो इनके मातापिता ने इनको खूब खोजा लेकिन इनका कोई पता नहीं चला पर एक दिन इनके पिता जी को इनके निवास स्थान की जानकारी मिली और वे इनको वापस घर ले जाने के लिए आए तो इन्होंने साफ मना कर दिया। तब इनके पिता जी इन्हे सन्यास जीवन में आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया परन्तु ये फिर भी अपने निर्णय पर अडिग रहे तब इनके पिता जी ने कहा कि “ठीक है, यदि तुम्हें इसी मार्ग पर चलना है तो कोई बात नहीं लेकिन मेरी बात ध्यान से सुन लो यदि इस जीवन में इस मार्ग पर चलते हुए तुमने कोई भी इसका कोई गलत फायदा उठाने का प्रयास किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा” ऐसा कह कर महाराज जी के पिता जी चले गए।

प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज जी का वृंदावन में आना

प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज जी के गुरु जी का नाम

प्रेमानंद गोविंद शरण जी address:-

Shri Hit Radha Keli Kunj Vrindavan Parikrama Marg, Varaha Ghat, opposite to Bhaktivedanta Hospice, Radharaman Colony, Vrindavan, Uttar Pradesh 281121

FAQs:


प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज [Shri hit premanand govind Sharan ji maharaj] के गुरु कौन हैं?


प्रेमानंद जी महाराज की उम्र कितनी है?

प्रेमानंद जी महाराज कौन है?

प्रेमानंद जी महाराज आश्रम पता?

महाराज जी का जन्म कहां हुआ?

कितने आयु में महाराज जी ने छोड़ा घर बार?

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