Neem Karoli Baba Mandir: फेसबुक (Facebook) कंपनी के संस्थापक Mark Zuckerberg ने कहा था कि अगर आपके जीवन में बहुत ज्यादा नकारात्मकता फ़ैल चुकी है, कोई काम आप अपने पुरे लगन से कर रहे हैं फिर भी आपको सफलता नहीं मिल रही है, तो आप भारत जाइए और वहां पर आप उत्तराखंड में बेस नैनीताल जिले के Neem Karoli Baba के आश्रम कैंची धाम में जाइए, वहां आपके सारे कष्टों का निवारण बिना बताए हो जाएंगे।
Apple कंपनी के संस्थापक Steve Jobs को अपने जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था तब वो Neem Karoli Baba Mandir में आके समय बिताये और उसके बाद उन्होंने वापस जाकर एप्पल कंपनी का आरंभ किया था।
विराट कोहली जब अपने फॉर्म से परेशान हो गए थे और उनके बल्ले से रन नहीं आ रहा था तो अपनी पत्नी के कहने पर उन्होंने भी Neem Karoli Baba Mandir बाबा के आश्रम कैंची धाम दर्शन करने गए और उसके अगले मैच में ही उनका 71वां शतक आया था।
तो क्या ये सिर्फ एक संयोग है या फिर येसब महाराज जी का चमत्कार है, कि जो भी उने चरणों में जाता है उसके सारे दुख दूर हो जाते हैं। कौन हैं ये नीम करोली बाबा? कहां बसा है इनका कैंची धाम (kainchi dham ashram)? इन्हीं सारे सवालों का जवाब हम आपको इस आर्टिकल में देने जा रहे हैं।
कौन हैं नीम करोली बाबा और कहां बसा है कैंची धाम
Neem Karoli Baba Mandir: Neem Karoli Baba kainchi dham ashram, क्या ये भी फर्जी मुल्लों उर्फ फकीरों की तरह एक फर्जी बाबा है, जिनका कभी-कभी तुका लग जाता है। देखिए हमारा तो विजन बिल्कुल क्लियर है और हमें पता है की महाराज जी के चरणों में जो भी गया है महाराज जी ने उसके सारे दुख दूर कर दिए हैं।
और हम आपको सारी बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बाद ये आप पर निर्भर करता है की आपको बाबा के चरणों में आना है या नहीं। कैंची धाम, हिमालय की गोद में बसे उत्तराखंड के नैनीताल जिले में बसा है एक आश्रम, जिसके आचार्य या संत, जिनका नाम नीम करोली बाबा(Neem Karoli Baba) है, कहा जाता है कि नीम करोली बाबा साक्षात हनुमान जी के अवतार हैं।
नीम करोली बाबा जिनका सही उच्चारण नीम करोरी बाबा हैं उनका पूरा नाम श्री लक्ष्मी नारायण शर्मा था। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के एक शहर अकबरपुर में हुआ था और इनके पिताजी का नाम श्री दुर्गा प्रसाद शर्मा था। बाबाजी के भक्त इन्हें महाराज-जी के नाम से बुलाते थे। महाराज जी के जन्म के बारे में तो ज्यादा जानकारी नहीं है लेकिन 11 सितंबर 1973 को महाराज जी ने वृन्दावन में अपने शरीर को त्याग दिया था। उनकी मृत्यु किसी कारणवश नहीं हुई थी बल्की महाराज जी ने स्वेक्षापूर्वक समाधि ले ली थी।
महाराज-जी का जीवन परिचय आपको छोटा लग रहा होगा लेकिन महाराज-जी के जीवन में उन्होंने इतनो का जीवन सुधार दिया गया है जिसकी कोई सीमा नहीं है। हम ऐसी ही कुछ कहानियों को आपे सामने लेकर हाजिर हुए हैं।
Neem Karoli Baba Mandir: संसार के महान व्यक्तियों के जीवन में भी थे महाराज जी के संयोग
Kainchi Dham Ashram: महाराज जी की भविष्यवाणी: भाई का स्वतंत्र होना
Kainchi Dham Ashram: एक बार की बात है, महाराज जी दिल्ली के एक पार्क में ध्यानमगन बैठे थे। तभी वहां पे बांग्लादेश का एक आदमी आता है। और वो देखने में थोड़ा परेशान लग रहा था। उसने महाराज जी से न तो बात की, ना ही वो जानता था कि ये महापुरुष कौन हैं, लेकिन तभी महाराज जी ने उसे अपने पास बुलाया और बोले कि तू चिंता मत कर तेरा भाई जो अभी जेल में बंद है वो जल्दी ही रिहा होगा। और बहुत बड़ा आदमी बनेगा। तू बस घर जा और उसका स्वागत की तैयारी कर।
जिस पर उस व्यक्ति की आंखें खुली की खुली रह गईं और आश्चर्यजनक होकर उसने महाराज जी (Neem Karoli Baba) से पूछा कि बाबा जी मैं तो आपको जनता भी नहीं और ना ही मैंने आपको कुछ बताया है फिर आपको कैसे पता चला कि मेरा भाई जेल में है। और अगर आपको पता भी है तो आपको पता होगा कि वो पाकिस्तान में जेल में है जहां से उसका बच पाना नामुमकिन है।
तब महाराज जी ने उसे मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि तू बस घर जा और अपने भाई के स्वागत की तैयारी कर, तेरा भाई जल्दी ही रिहा हो जाएगा और बहुत बड़ा आदमी बनेगा। और हुआ भी कुछ ऐसा ही, उस व्यक्ति का भाई जल्दी ही रिहा हुआ और उसके बाद वह बांग्लादेश का पहला राष्ट्रपति बना, जिसका नाम शेख मुजीबुर रहमान था।
Mark Zuckerberg की कहानी: Neem Karoli baba ashram Kainchi Dham के प्रभावशाली आशीर्वाद से जीवन की बदली दिशा
अब आपमें से कुछ महापुरुष कह रहे होंगे कि ये तो महज एक इत्तेफाक होगा या फिर ये सिर्फ एक सुनी सुनाई घाटना होगी। तो चलिए अब आपका ये भी भरम दूर कर देते हैं। ये कहानी एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे हम सब जानते हैं और इसकी लाइव रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध है, जिसमें वह व्यक्ति ने हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को बताया है कि कैसे कैंची धाम के दर्शन मात्र से उनका जीवन बदल गया है। तो ये कहानी है मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की जो फेसबुक और इंस्टाग्राम के संस्थापक हैं।
श्री नरेंद्र मोदी जी के साथ हो रहे एक इंटरव्यू में उन्होने बताया कि कैसे उन्हें नीम करोली बाबा के कैंची धाम के बारे में पता चला और उसके बाद उन्होने वहां आकर समय बिताया और उसके तुरंत बाद से उनके जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा है। और उन्होने ये भी बताया कि नीम करोली बाबा तथा कैंची धाम ( Neem Karoli baba ashram Kainchi Dham) के बारे में उन्हें और किसी ने नहीं बल्कि Apple के संस्थापक स्टीव जॉब्स ने बताया था।
Steve Jobs और Kainchi Dham Ashram: आध्यात्मिक प्रेरणा से सफलता की ऊंचाइयों तक
जब एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) की मृत्यु हुई तब उनके तकिये के निचे से महाराज जी यानी नीम करोली बाबा की तस्वीर मिली थी। कहा जाता है कि जब स्टीव जॉब्स की जिंदगी में कुछ भी सही नहीं चल रहा था तब उनके एक मित्र जिनका नाम डॉ. लैरी ब्रिलंट ने बताया कि उन्हें भारत के उत्तराखंड में बसे कैंची धाम में जा कर नीम करोली बाबा के दर्शन करने चाहिए। उसके बाद स्टीव जॉब्स भारत आए और Neem Karoli Baba Mandir के दर्शन पाने के लिए कैची धाम गए लेकिन दुर्भाग्यवास उन्हें महाराज जी के दर्शन नहीं हो पाया। क्योंकि उनके भारत आने के तीन महीने पहले ही महाराज जी समाधि ले चुके थे।
उसके बाद स्टीव जॉब्स कैंची धाम में थोडा समय बिताया और फिर जब वह अपने देश वापस गये तब उन्होंने एप्पल कंपनी की शुरुआत की और आज हम सब जानते हैं एप्पल कितनी बड़ी कंपनी है। और कहा जाता है कि एप्पल कंपनी का लोगो भी महाराज जी इ पसंदीदा फल जो की सेब है उससे प्रेरणा लेकर बनाया गया। और उसके बाद स्टीव जॉब्स ने कई बार कैंची धाम में दर्शन पाने के लिए आते रहे।
Dr. Larry Brilliant: महाराज जी के शरण में आ अरबो लोगो का जान बचाये
अब हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी जिंदगी से तंग आ चूका था। और मन की शांति के लिए ध्यान किया करता था तभी किसी ने उसे Neem Karoli Baba Mandir का तश्वीर दिखाया जो उन्हें इतना प्रभावित् कर गया की वो सब कुछ छोड़ कर महाराज जी के शरण में आ गया और सन्यास लेकर महाराज जी के चरणों में जीवन व्यतीत करने की ठान ली। लेकिन महाराज जी को उसके अंदर कुछ और ही दिख गया था।
तो ये कहानी है Dr. Larry Brilliant की जो सब कुछ छोड़ कर महाराज जी के सारण में आ गए थे और उन्होंने चिकन पॉक्स यानि की चेचक बीमारी का उपचार खोजा था। डॉ. लैरी ब्रिलियंट को देख कर महाराज-जी उन्हें WHO में नौकरी के लिए अप्लाई करने के लिए बोला। लेकिन डॉक्टर न होने के कारण उन्हें बार-बार रिजेक्ट कर दिया जाता था।
अंत में महाराज-जी ने डॉ. लैरी ब्रिलियंट से कहा कि उसे WHO में किसी भी नौकरी के लिए आवेदन करना चाहिए और उन्होंने वैसा ही किया और WHO में सेक्रेटरी के तौर पर नौकरी प्राप्त किया। और बाद में उन्होंने उस वक्त के सबसे बड़े बिमारी से अरबो लोगो का जान बचाये और यह व्यति आज भी जिंदा है और अपने लगभग अपने हर इंटरव्यू में महाराज जी के चमत्कार की चर्चा करता रहता है।
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