श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कब मनाया जाता है। और क्यों मनाया जाता है और इसका उपवास कैसे किया जाता है। इन सारी बातों पर हम आज प्रकाश डालने जा रहे हैं। आप सभी हिंदू भाइयों एवं बहनों को पता ही होगा कि हमारे जीवन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार कितना महत्व रखता है।
और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सिर्फ हम या आप नहीं मानते हैं यह त्यौहार सिर्फ यूपी और बिहार ही नहीं मानता इस त्यौहार को पूरे भारत बस में मनाया जाता है और साथ ही साथ कई विदेश में भी बनाए जाते हैं इस त्यौहार का बहुत ही बड़ा महत्व है।
इसी दिन हमारे भगवान का जन्म हुआ था इस त्यौहार को कैसे किया जाता है इस त्यौहार में किस भगवान की पूजा की जाती है इन सभी बातों से जुड़ी जानकारी हम आज आपको देंगे कृपया करके आप इस पूरे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को किस-किस नाम से जाना जाता है?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को कई तरह के नाम से जाना जाता है यह हिंदू धर्म के पवन और पवित्र त्योहार में से एक हैं। और इसे पूरे विश्व में हिंदू और सनातनी भाई एवं बहनों एक साथ मनाते हैं। पर हर जगह पे इनका कुछ अलग-अलग नाम है। और हर जगह पर इनका मनाने का तरीका भी थोड़ा सा अलग है। पर बात बाकी सब चीज एक समान ही है। इसी प्रकार जन्माष्टमी को पांच या छह नाम से जाना जाता है।
- 1) गोकुलाष्टमी
- 2) श्री कृष्ण जन्माष्टमी या जन्माष्टमी
- 3) सातम ऑटम
- 4) श्री कृष्ण जयंती
- 5) अष्टमी रोहिणी
जैसे अनेक नाम से जाना और पूजा जाता है। पूरे भारत में और जगह-जगह पर इनका नाम अलग-अलग है। पर सब लोग इस दिन भगवान श्री कृष्ण के लिए ही जानते और मानते हैं।
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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी किस नक्षत्र में मनाया जाता है?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब मनाया जाता है श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाने के लिए हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की आठवीं पर श्री कृष्ण जयंती को मनाते हैं।
और जिस की अष्टमी भी कहते हैं श्रीमद् भागवत पुराण के अनुसार इसी दिन श्री कृष्ण का जन्माष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के वृषभ राशि में बुधवार के दिन हुआ था। और उसी दिन से हम लोग किस जन्माष्टमी को उसी दिन मनाते हैं।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर किस भगवान के जन्मदिन के उपरांत पर मनाया जाता है?
भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस के रूप में हम लोग जन्माष्टमी है का पवित्र एवं पावन त्यौहार को हम सब हिंदू भाई एवं बहाने मानते हैं और मानते हैं
श्री कृष्ण भगवान के माता-पिता का नाम क्या था?
भगवान कृष्ण के माता-पिता दो इंसान नहीं बल्कि चार इंसान को माना जाता है उनके जन्म देने वाले माता-पिता कोई और थे और उनके लालन-पालन करने वाले माता-पिता कोई और थे।
तो चलिए जानते हैं उनको जन्म देने वाले माता-पिता कौन थे उनके जन्म देने वाले माता-पिता का नाम माता देवकी और पिता वासुदेव थे जो उनको कंस के कारागार में जन्म दिया था और उनके लालन पालन करने वाला माता-पिता का नाम माता यशोदा और पिता का नाम बाबा नंदलाल था
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श्री कृष्ण का जन्म कहां हुआ?
भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान को हम लोग यूपी के मथुरा जिले को मानते हैं। और जानते हैं सभी धार्मिक पुराने एवं ग्रंथो में भी यही लिखा है कि श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था।
श्री कृष्णा हमारे भगवान श्री हरि विष्णु के अवतार थे और द्वापर में जन्म लेकर दुष्ट और पापी कंस का वध करने के लिए आए थे और इसी चलते भगवान श्री हरि विष्णु को श्री कृष्ण अवतार लेकर आना पड़ा
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार कैसे मनाते हैं?
हिंदू धर्म में सबसे पवन एवं पूज्य माने जाने वाला त्योहार जन्माष्टमी को बहुत ही धूमधाम तरीके से मनाया जाता है और श्री कृष्ण के जन्म को हर्षो उलाश के साथ मनाया जाता है कहीं पर दहीहंडी फोड़ने की भी परंपरा है तो कहीं पर कोई और परंपरा है।
पर इस दिन जन्माष्टमी त्योहार पर धूमधाम से लोग मानते हैं इस दिन लोग सुबह नहा धोकर नए वस्त्र पहन कर मंदिर में जाते हैं और पूजा पाठ करते हैं। इस दिन अधिकांश सनातनी लोग उपवास या फलहार किया करते हैं इस दिन मंदिरों हो या घर में भगवत गीता का पाठ किया जाता है। मंदिरों में रात्रि 12:00 बजे लोग भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन पर आरती करते हुए और बाद में प्रसाद वितरण करते हैं।
जन्माष्टमी व्रत कैसे करते हैं?
जन्माष्टमी व्रत करने के लिए जन्माष्टमी के पर्व के दिन हम लोगों द्वारा उपवास रखा जाता है और किया जाता है इस दिन भगवान श्री कृष्ण के प्रेम में और भक्ति में लीन होकर लोग गीत गाया करते हैं और रात्रि में जागरण करके इस त्यौहार को मनाया जाता है।
और मध्य रात्रि के जन्म के उपरांत शिशु या कृष्ण की मूर्ति को धोया और नहाया जाता है। उसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाएं जाते हैं। फिर एक पालना पर रहकर उन्हें सुलाया जाता है। फिर उसके बाद भक्तगण भोजन करते हैं। और मिठाई बढ़कर अपना उपवास पूरा करते हैं इसी तरह से मनाई जाती है कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार।
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श्री कृष्ण कौन थे?
श्री कृष्ण कौन थे कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जिस की जन्माष्टमी है गोखले अष्टमी या श्री कृष्ण जयंती और भी अधिक नाम से जाने जाते हैं वह भगवान श्री कृष्ण के को समर्पित है श्री कृष्णा श्री हरि विष्णु जी के अवतार थे वह दसवत्तारों में से आठवीं और 24 में अवतार में से 22 में अवतार थे श्री कृष्ण को हर बूंद से पंडित पूर्ण माना गया है।
इनके पास 24 कलाएं का ज्ञान थी अभी तक जितने भी भगवान ने अवतार लिए थे। उनमें से किन्हीं के पास चार किन्हीं के पास पास किन्हीं के पास 6 तो किन्हीं के पास 12 कला थी पर हमारे भगवान श्री कृष्ण के पास बार 24 कलाओं से पंडित पूर्ण थे।
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