हनुमान जी की पूजा कैसे करें (hanuman ji ki puja kaise karen) जानिए जरूरी नियम और सावधानियां: हिन्दू सनातन धर्म में हनुमान जी का बहुत ज्यादा महत्व है। हर सनातनी हनुमान जी को अथाह प्रेम करते है और उनकी पूजा आराधना करते है।
किन्तु कुछ ऐसे भी मेरे भाई बहन है जो भगवान श्री हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए [Hanuman ji ki puja kaise karen] इस विषय में जानने के इच्छुक होते है और उनका मुख्य उद्देश्य भी यही होता है कि कैसे भी करके हनुमान जी को प्रसन्न करें जिससे उनकी कृपा दृष्टि बनी रहे।
ऐसे में हम इस लेख हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए [Hanuman ji ki puja kaise karen] के माध्यम से भक्तों को हनुमान जी की पूजा आराधना करने से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है। इस लेख में हमने बताया है कि कैसे हनुमान जी की पूजा करें? हनुमान जी की पूजा करने के नियम क्या है? किसको कैसे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए? सही समय और सही दिन कौन सा है हनुमान जी की पूजा करने के लिए? हनुमान जी की पूजा करने से क्या लाभ भक्तों को मिलता है?
कई सवालों का जवाब हमने इस लेख [Hanuman ji ki puja kaise karen] में देने की कोशिश की है। अतः लेख को पूरा पढ़े और यदि आपको हमारे इस लेख में कोई कमी या फिर आपके किसी सवाल का जवाब नहीं मिल रहा है तो कृपया करके हमे कॉमेंट करके अवश्य पूछे! हम आपके सवालों का जवाब अवश्य देंगे।
हिन्दू धर्म के देवी देवताओं में हनुमान जी का एक विशेष स्थान है और हनुमान जी को अमर होने का भी वरदान प्राप्त है जिसका वर्णन हिन्दू धर्म के कुछ शास्त्रों में भी किया गया है।
हनुमान जी को अथाह शक्ति और ऊर्जा का स्रोत माना गया है और कुछ हिन्दू धर्म ग्रंथो में इनको बल बुद्धि विद्या का स्वामी अर्थात् प्रतीक भी बताया गया है। जो भी भक्त इनकी पूजा आराधना प्रतिदिन नियमित रूप से करता है उसके जीवन से समस्त कष्टों का नाश हो जाता है और वह सदैव सुख का जीवन जीता है।
हर कोई चाहता है कि वह सुखी रहे और कभी उसके जीवन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या अथवा दुःख ना आए और वह सुख का जीवन व्यतीत करें तो इसका सिर्फ एक ही उपाय है भगवान श्री हनुमान जी की भक्ति और उनको प्रसन्न करने का उपाय। तो आइए इस पोस्ट [Hanuman ji ki puja kaise karen] के माध्यम से जानते है कि कैसे हनुमान जी की पूजा करे व नियम क्या है।
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हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए [hanuman ji ki puja kaise karen]
बजरंग बलि की पूजा करने के लिए पहले तो खुद को एक अनुशासन में लाना होगा। यहां अनुशासन का अर्थ है कि स्वयं को एक संकल्प करना होगा कि जहे जो भी हो जाए हनुमान जी की भक्ति प्रतिदिन करेंगे ही करेंगे।
अब जब आपने संकल्प ले लिया पूजा करने का तो आपको प्रतिदिन सूर्योदय के पूर्व उठ कर अपनी दिनचर्या को शुरू करना है।
- अब स्नान व अन्य कार्य करने के पश्चात आपको हनुमान जी का ध्यान करना हैं
- नजदीकी हनुमान मंदिर में जाना है यदि मंदिर जाना संभव न हो तो..
- हनुमान जी की कोई छोटी सी प्रतिमा अथवा तस्वीर लेकर उसकी स्थापना करे।
- स्थापना करते समय ध्यान रहे की जहा स्थापना कर रहे है वह ईशान कोण दिशा (उत्तर पूर्व दिशा) होनी चाहिए और वातावरण एकदम एकांत होना चाहिए।
- मूर्ति स्थापना के पश्चात् आपको हनुमान जी की प्रतिमा पर लाल रंग का वस्त्र धारण करना है और अक्षत रोरी पुष्प व गंगाजल की छिटे दे।
- जिसके बाद आपको चमेली के तेल का अथवा सरसो के तेल का दीपक जलाकर हनुमान जी की आरती उतारे।
- इसके बाद हाथ में पुष्प लेकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
- पाठ करने के बाद हनुमान जी को सप्रेम भोग लगाए और प्रसाद का वितरण करके स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।
- शंध्या के समय भी आपको हनुमान जी की पूजा आरती करनी है उनको, हनुमान चालीसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ सुनाना है।
- यथा शक्ति संभव हो सके तो दान अवश्य करे।
- और हनुमान जी से अपनी इच्छा भवपुरवक प्रकट करे।
हनुमान जी की पूजा लड़कियां कैसे करें (ladkiya hanuman ji ki puja kaise kare)
बजरंग बलि की पूजा अर्चना करने का अधिकार सभी नर नारी को है। संकटमोचन हनुमान जी सभी पर अपनी कृपा बरसाते है। किन्तु जब एक स्त्री हनुमान जी की पूजा करती है तो उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। हम सभी जानते है कि हनुमान जी ब्रह्मचारी थे और यदि कोई महिला हनुमान जी की पूजा करते समय कुछ गलतियां करती है तो उनका ब्रह्मचर्य भंग होने का भय रहता है। अाइए जानते है कि [ladkiya hanuman ji ki puja kaise kare] स्त्री को कैसे हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए और कैसे नहीं।
- हनुमान जी सदैव स्त्री को अपनी माता के सामान सम्मान प्रदान करते हैं। उन्होंने रामायण में माता सीता जी को अपनी माता माना है और हर एक स्त्री में को अपनी माता को देखते है।
- कोई भी स्त्री उनके सामने झुके हनुमान जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं क्योंकि वो सभी स्त्री को अपनी मा मानते है ऐसे में माता का अपमान होता है इस लिए किसी भी स्त्री को उनके सामने सिर झुका कर पूजा नहीं करनी चाहिए।
- महिलाओं को हनुमान जी की प्रतिमा पर जल, पुष्प व वस्त्र नहीं चढ़ना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी के ब्रह्मचारी होने का अपमान होता है।
- स्त्री को हनुमान जी की प्रतिमा पर तिलक व सिंदूर चढ़ाने से मना किया जाता है। इसे सिर्फ उनके समुख रख देने मात्र से वे सहज स्वीकार कर लेते है।
- महिलाओं को व्रत और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी माना किया जाता हैं क्योंकि यदि ऐसा करते समय उनको मासिक धर्म अर्थात् पीरियड्स आ जाती है तो उनका व्रत और पाठ दोनों ही भंग हो जाता है।
- पीरियड्स के समय हनुमान जी की पूजा करना स्त्रियों के लिए वर्जित है।
- महिलाओं को बजरंग बाण और जनेऊ हनुमान जी को अर्पित करने से भी माना किया जाता है।
हनुमान जी की पूजा कब और किस दिन करना चाहिए
Hanuman ji ki puja kaise karen: वैसे तो हनुमान जी की पूजा हमे प्रतिदिन सुबह शाम करनी चाहिए किन्तु मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा अर्चना व्रत पाठ करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार के संबंध में कुछ विशेष कथाएं हैं जो इस दिन को महत्वपूर्ण और विशेष बनाती है।
मंगलवार को पूजा व्रत और पाठ करने से व्यक्ति में बुद्धि, बल, विद्या, पुरुषार्थ, सम्मान व साहस की वृद्धि होती है। और शनिवार को पूजा करने से व्यक्ति के सभी ग्रह शांत रहते है और मंगल शनि और राहु केतु सब अपनी अपनी जगह चले जाते है इनका बुरा प्रभाव जीवन में नहीं दिखता।
FAQ’s: हनुमान जी की पूजा से संबंधित अन्य जानकारी
हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए?
हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए [Hanuman ji ki puja kaise karen]: इस संदर्भ में बात करे तो हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं हम सभी जानते है और हनुमान जी से संबंधित जितनी भी ग्रंथ व पुस्तके है उनमें हनुमान जी की पूजा का विधान सुबह के ब्रह्म मुहूर्त को अति शुभ माना गया है। अतः आप हनुमान जी की पूजा सुबह के 4 बजे से सुबह के 9 बजे तक कर सकते है।
हनुमान जी की पूजा किस दिशा में करनी चाहिए?
Hanuman ji ki puja kaise karen: हनुमान जी की पूजा के लिए ईशान दिशा उत्तम और शुभ होती है। यदि आप अपने घर में हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित करते है तो वास्तु को ध्यान में रखते हुए ईशान दिशा में स्थापित करे दक्षिण दिशा हनुमान जी के फोटो व मूर्ति के लिए सबसे अच्छा स्थान होता है। किंतु ध्यान रहे कभी भी अपने शयन कक्ष में हनुमान जी की फोटो या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए इससे वास्तुदोष उत्पन्न होता है।
हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है?
Hanuman ji ki puja kaise karen: हनुमान जी के पंचमुखी रूप की पूजा सबसे अधिक फलदायी है। वास्तुविज्ञान के अनुसार हनुमान जी के पंचमुखी रूप की मूर्ति वा तस्वीर जिस घर में होती है वहा सदैव सुख समृद्धि और प्रसन्नता का वातावरण बना रहता है और मार्ग की सभी समस्याओं का नाश हो जाता है। किंतु ध्यान रहे हनुमान जी की पूजा के लिए सदैव ईशान दिशा उत्तम माना जाता है।
महिलाएं हनुमान जी की पूजा कैसे करें?
Mahila hanuman ji ki puja kaise karen? महिलाओं को कभी भी हनुमान जी के मूर्ति पर जल v वस्त्र अर्पित नहीं करना चाहिए न ही हनुमान जी को सिंदूर लगाना चाहिए। महिलाएं यदि हनुमान जी की पूजा आराधना करना चाहती है तो उनको कुछ विशेष बातों का अवश्य ध्यान होना चाहिए क्योंकि हनुमान जी ब्रह्मचारी है ऐसे में यदि कोई महिला उनकी पूजा करते समय नियम का पालन नहीं करती तो हनुमान जी का अपमान होता है।
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