एकादशी व्रत किसको करना चाहिए (Ekadashi vrat kisko karna chahiye)

एकादशी व्रत किसको करना चाहिए और क्यों? जानिए Ekadashi vrat kisko karna chahiye तथा एकादशी व्रत का महत्व क्या है और इससे संबंधित कथाएं साथ ही व्रत के नियम और लाभ क्या है?

एकादशी व्रत किसको करना चाहिए (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) और एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए? जो भी एकादशी व्रत करने के बारे में सोच रहे हैं उनके मन में एक विचार अवश्य आता होगा की यदि हम एकादशी का व्रत करते हैं तो इससे हमें क्या लाभ होगा? और एकादशी के व्रत को करने के नियम क्या-क्या हैं? कैसे हमें एकादशी का व्रत संपन्न करना चाहिए जिससे हमारी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएं।

साथ ही वे यह भी जानना चाहते हैं की 2024 में एकादशी कब है। तो अगर आप भी एकादशी व्रत करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल सिर्फ आपके लिए हैं। क्योंकि इस आर्टिक्ल में हमने एकादशी व्रत से संबंधित संपूर्ण जानकारी जैसे एकादशी क्या है इसका महत्व, नियम और इससे मिलने वाले लाभ क्या है। तथा एकादशी कब है, एकादशी का व्रत कौन रख सकता है (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) आदि सवालों के जवाव प्रदान करने कि कोशिश की है। जिसको पढ़ कर आप अपनी एकादशी का व्रत सफलतापूर्वक संपन्न कर सकते है। तो आयिए जानते है एकादशी व्रत किसको करना चाहिए

नोट: पूजा-पाठ तथा व्रत से संबंधित जो भी जानकारी हमारी वेबसाइट पर प्रदान की जाती है वह पूर्ण रूप से हमारे सनातन धर्म के शास्त्रों, ग्रंथों व महान संतो के द्वारा प्रदान की गई जानकारी से लिया गया होता है। जिसको हम सरल भाषा में आपके साथ साझा करते है।

एकादशी व्रत क्या है • Ekadashi Vrat kya hai?

हमारे सनातन हिंदू धर्म में एकादशी जिसे कुछ लोग ग्यारस के नाम से भी जानते हैं इस तिथि का बहुत बड़ा महत्व है। हमारे धर्म ग्रंथों में एकादशी या ग्यारस की बड़ी महिमा बताई गई है। ग्यारस या एकादशी का अर्थ होता है एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन वह उनकी वंदना करने की प्रेरणा देने वाला व्रत।

पद्म पुराण के अनुसार, महादेव शिव शंकर भगवान जी ने स्वयं नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था कि एकादशी व्रत महान पुण्य देने वाला व्रत है। जो भी मनुष्य एकादशी का व्रत पूर्ण नियम (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) के साथ रखता है उसके पूर्वज और पित्र कुयोनी को त्याग कर स्वर्ग लोक प्रस्थान करते हैं जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है और घर में सब मंगल होता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार जो भी 11वीं तिथि होती है वह एकादशी कहलाती है। एकादशी को संस्कृत भाषा से लिया गया है जिस का हिंदी अर्थ होता है 11 और इस प्रकार प्रत्येक माह में एकादशी दो बार आती है, प्रथम शुक्ल पक्ष के पश्चात की एकादशी और दूसरी एकादशी कृष्ण पक्ष के पश्चात होती है। 

पूर्णिमा के बाद की एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी कहते हैं और अमावस्या के बाद की एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते है और इनका अपना अपना अलग महत्व होता है। एकादशी का व्रत हिन्दू धर्म के सबसे पुराने व्रतो में माना जाता है जिससे इसे प्राचीनकाल से मनुष्य एकादशी व्रत करता आ रहा है। एकादशी व्रत करने से प्रभु श्री हरि विष्णु जी और माता लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे जीवन की हर बाधा समाप्त हो जाती है। 

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एकादशी व्रत किसको करना चाहिए (Ekadashi vrat kisko karna chahiye)

एकादशी व्रत किसको करना चाहिए | Ekadashi vrat kisko karna chahiye

एकादशी का व्रत कौन रख सकता है – Ekadashi vrat kisko karna chahiye, यह बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है क्योंकि हो सकता है कि आपने एकादशी का व्रत किया और आपको इसका लाभ प्राप्त नहीं हुआ तो इसके बाद आपको निराशा ही हाथ लगेगी। किंतु दोस्तों जब भी हम किसी भी कार्य को करते हैं यदि उसमें हमारी सच्ची भक्ति स्नेह प्रेम भाव जुड़ा होता है तो ईश्वर हमारी बात अवश्य सुनते हैं। 

अतः एकादशी का व्रत कोई भी कर सकता है चाहे वह एक छोटा सा बालक हो या वयस्क अथवा बुजुर्ग हर कोई जो घर का सदस्य है वो एकादशी व्रत कर सकता है। किंतु एकादशी का व्रत करने के संबंध में कुछ नियम होते हैं जिनका पालन करना भी अति आवश्यक और अनिवार्य होता है तभी आपको एकादशी व्रत लाभ प्राप्त होता है और प्रभु की कृपा प्राप्त होती है। 

यदि आपके मन में अभी भी यह प्रश्न उठ रहा है की एकादशी का व्रत किसे करना चाहिए (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) तो यह जानने के लिए आपको एकादशी व्रत नियम को जानना आवश्यक है जिससे आपको एकादशी व्रत करने में कोई परेशानी नहीं होगी तो चलिए आइए जानते हैं एकादशी व्रत नियम।

एकादशी व्रत नियम क्या है? Ekadashi Vrat kon rakh sakta hai

एकादशी व्रत के नियम(ekadashi vrat ke niyam): एकादशी व्रत बहुत ही कठिन व्रत होता है जिसे करने के लिए आपको पहले सूर्यास्त से लेकर दूसरे सूर्योदय तक अथवा उपवास रखना पड़ता है। एकादशी का व्रत (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) कोई भी व्यक्ति मनुष्य अपनी स्वेच्छा से रख सकता है। एकादशी के 1 दिन पहले से ही एकादशी व्रत रखने वाले मनुष्य को इससे संबंधित नियमों का पालन करना पड़ता है तो आइए जानते हैं एकादशी व्रत नियम कौन-कौन से हैं?

  • एकादशी व्रत घर का कोई भी सदस्य अपनी स्वेच्छा से रख सकता है।
  • एकादशी व्रत की चाह रखने वाले मनुष्य को एकादशी के पूर्व 1 दिन पहले से ही मांस मछली प्याज मसूर की दाल वह जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • एकादशी के एक दिन पूर्व की रात्रि के समय श्रद्धालु को भोग विलास से दूर रहते हुए पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है।
  • एकादशी के दिन श्रद्धालु सूर्योदय से पहले उठकर अपनी दिनचर्या शुरू करनी चाहिए।
  • जिसके बाद श्रद्धालु को दांत साफ करने के लिए किसी भी लकड़ी के दातुन का इस्तेमाल करना वर्जित है अतः वह इसके स्थान पर नींबू जामुन अथवा आम के पत्ते को चबाकर या फिर अपनी अंगुलियों से दांतो की सफाई कर सकता है। किंतु ध्यान रहे इस दिन किसी भी पेड़ की पत्तियों का तोड़ना भी वर्जित होता है अतः गिरी हुई पत्तियों का ही सेवन करें।
  • जिसके पश्चात आपको स्नानादि करने के के लिए साबुन आदि का प्रयोग करना भी वर्जित है।
  • स्नान संपन्न करने के बाद आपको मंदिर जाना है और गीता का पाठ करना होता है आप चाहे तो किसी पंडित के द्वारा भी गीता का पाठ सुन सकते हैं।
  • पाठ सुनने के पश्चात सच्चे मन से ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र जाप करें और भगवान विष्णु जी का स्मरण करें व प्रार्थना करे।
  • इस दिन श्रद्धालुओं को यथाशक्ति दान धर्म भी करना चाहिए।
  • एकादशी का दूसरा दिन द्वादश के नाम से जाना जाता है द्वादशी रश्मि और बाकी दिनों की तरह ही आम दिन होता है आपको सुबह जल्दी नहा कर भगवान श्री विष्णु जी की पूजा आराधना करनी है और सामान्य सात्विक भोजन खाकर गंगाजल तुलसी ग्रहण करें और अपने व्रत को संपन्न करें।
  • द्वादश के दिन ब्राह्मणों में मिष्ठान आदि की दक्षिणा देने का भी प्रावधान है किंतु यह ध्यान रहे की द्वादशी का कार्य रोदसी आने के पूर्व ही संपन्न हो जाना चाहिए।
  • एकादशी व्रत के नियम (ekadashi vrat ke niyam) का पालन करते समय कोई चूक आपसे ना हो इसका पूर्ण ध्यान रखें।

एकादशी व्रत को क्या नहीं करना चाहिए और एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए?

  • किसी भी वृक्ष से पत्ते नहीं तोड़े।
  • घर में झाड़ू लगाना सख्त मना है ऐसा इसलिए ताकि झाड़ू लगाते समय छोटे छोटे जीव जैसे चींटियों के मरने का डर होता है और आपको एकादशी के दिन जीव हत्या का पाप नहीं लेना।
  • एकादशी के दिन स्वयं का और घर के किसी भी सदस्य का बाल न कटवाए।
  •  एकादशी के दिन आवश्यकता अनुसार ही बोलें। कोशिश करें कम से कम बोलें अपशब्द भाषाओं का प्रयोग ना करें।
  • इस दिन चावल का सेवन वर्जित है साथ ही किसी अन्य के द्वारा दिया हुआ कोई भी अन्य ग्रहण न करें।
  • कोशिश करें कि किसी भी प्रकार का विकार मन में उत्पन्न होने पावे।

यदि आप फलाहारी हैं तो गोभी पालक शलजम आदि का सेवन न करें इसके बदले आप आम केला अंगूर पिस्ता और बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं साथ ही नीचे दिए गए एकादशी व्रत के दिन क्या खाना चाहिए भोजन और आहार कैसा होना चाहिए उसकी एक लिस्ट है उसको अवश्य पढ़ें।

एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए?

देखिये संतो की माने तो विश्व के हर एक मनुष्य को एकादशी व्रत करना चाहिए। लेकिन जब कुछ महँ संतो से पूछा गया की एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए तो उन्होंने बताया की वैसे लोग जो किसी बीमारी से ग्रषित हैं और वे अगर उपवास नहीं रह सकते उन लोगों को एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए।

उन्होंने ये भी बताया की बुजुर्ग जिन्हे किसी प्रकार की तकलीफ है उन्हें एकादशी व्रत नहीं करना चाहिए। या फिर वो फलहार से उपवास रख सकतें हैं। लेकिन अगर आप एक बार उपवास रहतें हैं तो आपको बिच में उसे छोड़ना नहीं चाहिए। क्योंकि ऐसा करना पाप माना जाता है और कहा जाता है की या तो आप एकादशी का व्रत रखो ही नहीं या फिर इस व्रत को पूरा संपन्न करो। एकादशी व्रत को बिच में कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।

एकादशी व्रत का भोजन, आहार क्या है?

एकादशी व्रत के दिन आपको किन वस्तुओं का सेवन करना है यह बहुत ही आवश्यक है शास्त्रों के अनुसार श्रद्धालु एकादशी के दिन किस प्रकार के आहार का सेवन अथवा भोजन कर सकता है उस संबंध में विस्तार से उल्लेख है। तो आइए जानते हैं कि हमें एकादशी व्रत के लिए किस प्रकार के भोजन करने हैं और जो बड़ी ही आसानी से हमें प्राप्त हो सकते हैं। 

ताजे फल, मेवे, चीनी, कुट्टू, नारियल, जैतून, गाय का दूध, अदरक, काली मिर्च, आलू, साबूदाना, शकरकंद, सेंधा नमक इत्यादि आपको बढ़ी ही आसानी से प्राप्त हो जाएगा। अतः इन खदया पदार्थो का सेवन कर अपने एकादशी व्रत को संपन्न करें।

किंतु ध्यान रहे एकादशी व्रत का भोजन स्वास्तिक ही होना चाहिए कुछ व्यक्ति श्रद्धालु इस व्रत को बिना पानी पिए ही संपन्न करते हैं जिसे हम निर्जला एकादशी व्रत के नाम से भी जानते हैं।

एकादशी व्रत कथा । Ekadashi vrat katha

श्रद्धालुओं हमारे समाज सनातन धर्म में हर व्रत को मनाने के पीछे कोई ना कोई धार्मिक वजह अथवा कथा होती है और उस संबंधित व्रत की कई कहानियां होती हैं। उसी प्रकार एकादशी व्रत कथा का भी अपना एक अलग महत्व है क्योंकि यह सबसे पुरानी वह प्राचीन व्रत है जिससे एकादशी व्रत की कथा को जानना हमारे लिए उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। 

जैसा कि मैंने ऊपर आप सभी को बताया की एकादशी पूरे माह में 2 बार आती है वह भी प्रत्येक 11 वी तिथि को और उन सभी के अलग-अलग नाम है। एकादशी का व्रत कोई भी कर रहा हो (ekadashi vrat kon rakh sakta hai) उसके लिए व्रत के साथ-साथ व्रत की कथा को सुनना पढ़ना भी अनिवार्य होता है तभी जाकर व्यक्ति की एकादशी व्रत संपन्न हो पाती है।

एकादशी व्रत कथा (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) से संबंधित हमने अपनी वेबसाइट पर एक अलग से लेख लिखा है जिसमें आपको एकादशी व्रत कथा और आने वाले एकादशी व्रत की तारीख एकादशी उपवास के नियम पूजा विधि और उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण पौराणिक कथाओं के बारे में जानकारी प्रदान की है जहां आप विस्तार से जान पाएंगे कि एकादशी कब है और कैसे आपको एकादशी का व्रत करना चाहिए यह संबंधित नियम का उल्लेख सरल भाषा में किया है। अतः एकादशी व्रत कथा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें !!

एकादशी व्रत लिस्ट 2024 pdf – Ekadashi vrat katha pdf

एकादशी व्रत लिस्ट 2024 pdf : साल 2024 यानि इस वर्ष में कुल 26 एकादशी व्रत होने वाले है जिनका लिस्ट यह है। अगर आप इस लिस्ट को डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप हमारे telegram channel पर जा सकतें हैं।

21 जनवरी, रविवार- पौष पुत्रदा एकादशी, बैकुंठ एकादशी

06 फरवरी 2024, मंगलवार- षटतिला एकादशी

20 फरवरी 2024, मंगलवार- जया एकादशी

06 मार्च 2024, बुधवार- विजया एकादशी

07 मार्च, 2024, बृहस्पतिवार- वैष्णव विजया एकादशी

20 मार्च, 2024, बुधवार- आमलकी एकादशी

05 अप्रैल , 2024, शुक्रवार- पापमोचिनी एकादशी

19 अप्रैल, 2024, शुक्रवार- कामदा एकादशी

– वैष्णव कामदा एकादशी

04 मई 2024, शनिवार- बरूथिनी एकादशी

19 मई 2024, रविवार- मोहिनी एकादशी

02 जून 2024, रविवार- अपरा एकादशी

03 जून 2024, सोमवार- वैष्णव अपरा एकादशी

18 जून 2024, मंगलवार- निर्जला एकादशी

02 जुलाई 2024, मंगलवार- योगिनी एकादशी

17 जुलाई 2024, बुधवार- देवशयनी एकादशी

31 जुलाई 2024, बुधवार- कामिका एकादशी

पद्मिनी एकादशी

परम एकादशी

16 अगस्त 2024, शुक्रवार- श्रावण पुत्रदा एकादशी

29 अगस्त 2024, बृहस्पतिवार- अजा एकादशी

14 सितम्बर 2024, शनिवार- परिवर्तिनी एकादशी

गौण परिवर्तिनी एकादशी, वैष्णव परिवर्तिनी एकादशी

28 सितम्बर 2024, शनिवार- इन्दिरा एकादशी

13 अक्टूबर 2024, रविवार- पापांकुशा एकादशी

28 अक्टूबर 2024, मंगलवार- रमा एकादशी

12 नवम्बर 2024, मंगलवार- देवुत्थान एकादशी, गुरुवायुर एकादशी

26 दिसम्बर 2024, बृहस्पतिवार- उत्पन्ना एकादशी

27 दिसम्बर 2024, शुक्रवार- वैष्णव उत्पन्ना एकादशी

11 दिसम्बर 2024, बुधवार- मोक्षदा एकादशी

26 दिसम्बर 2024, बृहस्पतिवार- गौण मोक्षदा एकादशी, वैष्णव मोक्षदा एकादशी, वैकुण्ठ एकादशी

अन्तिम शब्द: 

तो दोस्तों आशा करता हूं कि एकादशी व्रत किसको करना चाहिए (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) और एकादशी व्रत क्यों करना चाहिए इसके नियम क्या है एकादशी व्रत का महत्व, और एकादशी के दिन किस प्रकार के भोजन आहार का सेवन आपको करना चाहिए इन सब से संबंधित जानकारी आपको इस लेख में प्राप्त हो गई होगी और उन सभी जानकारियों को पढ़कर आपको बहुत ही आनंद आया होगा। 

यदि आपको एकादशी व्रत कथा अथवा एकादशी का व्रत कौन रख सकता है (ekadashi vrat kon rakh sakta hai) और एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए से संबंधित कोई भी प्रश्न है तो कृपया करके कमेंट बॉक्स में अवश्य पूछें। आप किसी भी प्रकार की सलाह देना चाहते हैं तो हमें बेहद खुशी होगी कृपया करके हमें अपनी सलाह अवश्य दें। 

धन्यवाद!

FAQs:- एकादशी व्रत किसको करना चाहिए से संबंधित प्रश्न व उनके उत्तर

एकादशी व्रत में क्या कहना चाहिए?

एकादशी व्रत में आपको सात्विक भोजन करना चाहिए। साथ ही गोभी, पालक, मूली, प्याज, लहसुन, शहद का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप फलाहारी हैं तो आम से के लिए अंगूर आदि का सेवन कर सकते हैं इसके साथ-साथ आप आलू, शकरकंद, दही, दूध, काली मिर्च, सेंधा नमक, अदरक का भी सेवन कर सकते हैं।

एकादशी व्रत किसको करना चाहिए?

Ekadashi vrat kisko karna chahiye: सनातन हिंदू धर्म के ग्रंथों के अनुसार तथा पद्म पुराण के अनुसार एकादशी व्रत हर कोई मनुष्य कर सकता है। इसके लिए किसी भी लिंग वह व्यक्ति के लिए कोई बाध्यता नहीं है। घर का कोई भी सदस्य बच्चा बूढ़ा जवान हर कोई महिला पुरुष हर कोई अपनी स्वेच्छा से एकादशी व्रत कर सकता है। 

किंतु एकादशी व्रत करने से पहले एकादशी व्रत के नियम का पालन करना अति आवश्यक है। एकादशी व्रत करने के इच्छुक व्यक्ति सर्वप्रथम एकादशी व्रत के नियम का अध्ययन अवश्य करें, जिससे उनको एकादशी व्रत का लाभ प्राप्त हो सके।

एकादशी व्रत क्यों किया जाता है?

एकादशी व्रत करने वाला सदैव सुखी रहता है क्योंकि उस पर स्वयं भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद आशीष प्राप्त होता है। एकादशी व्रत करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही उसके पूर्वज व पितरों को स्वर्ग की प्राप्ति होती है। मनुष्य का रुका हुआ कार्य संपन्न हो जाता है घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है। इन सभी लाभों को प्राप्त करने के लिए ही एकादशी का व्रत किया जाता है।

एकादशी का उल्लेख किस धर्म ग्रंथ में है?

एकादशी के व्रत, महत्व, नियम (Ekadashi vrat kisko karna chahiye) और उत्पत्ति की कथाओं का उल्लेख पद्म पुराण में उल्लेखित है। महाभारत जैसे महान धार्मिक ग्रंथ में भी एकादशी का उल्लेख मिलता है। 

जब महाभारत का युद्ध हो रहा था तब युधिष्ठिर के आग्रह करने पर भगवान श्री कृष्ण ने महान एकादशी व्रत के महत्व, नियम और और एकादशी के कथाओं के बारे में पांडवों को बताया था। जिसके पश्चात एकाादशी व्रत के प्रभाव से पांडवों ने महाभारत के युद्ध भूमि पर विजय ध्वज फहराया।

वैसे यदि आप एकादशी व्रत की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो भारतीय पंचांग मैं आपको एकादशी व्रत, तिथिवार की जानकारी मिल जाएगी।

एकादशी व्रत किसे नहीं करना चाहिए?

वैसे लोग जो किसी रोग से ग्रषित हैं या फिर जो बुजुर्ग हैं उन्हें कभी भी एकादशी का व्रत नहीं करना चाहिए। लेकिन हाँ वो लोग भी फल खा के एकादशी का व्रत रख सकतें है जिसे शास्त्रों में फलहार रहना कहा जाता है।

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