जानिए वामन पुराण से जुडी कुछ रहस्य्मयी जानकारिया तथा रोचक तथ्य

वामन पुराण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी हमारे धर्म हिंदू में पुराने की बहुत बड़ा महत्व माना जाता है वेदों की भी उतनी ही महत्व तो पुराण भी वेद से काम नहीं है। इसी तरह वेद और पुराण को हिंदू धर्म में सनातन धर्म में बहुत बड़ा महत्व दिया जाता है वेद और पुराण से हैं।

हमारे धर्म को जीने की शैली मिली है पूजा पाठ करने की विधि मिली है। किस तरह से आप यज्ञ पूजन प्रतिष्ठा ग्रीस्थ जीवन जैसी बहुत से महत्वपूर्ण जानकारियां हमारे वेद और पुराने द्वारा हिंदू धर्म सनातन धर्म के भक्त और ऋषि महर्षियों को ज्ञानियों को मिलता रहता है।

उन्हें 18 पुराणों में से वामन पुराण कथा का भी बहुत बड़ा महत्व माना गया है तो चलिए जानते हैं वामन पुराण कथा से जुड़ी हर एक जानकारी को। वामन पुराण उन 18 महा पुराणों में से एक पुराण की सूची में आती है जिस की 18 पुराणों में से 14 में स्थान के रूप में इस पुराण को देखा गया है ऐसा स्वयं फूलस्त्त़ ऋषि ने नारद जी को बताए थे।

vamana-purana-pdf

वामन अवतार किन के अवतार हैं।

वामन पुराण कथा जो लिखा गया है वह कौन से भगवान पर लिखा गया है यह वामन अवतार आखिरकार कौन से देवता का अवतार हैं। हमारे भगवान श्री हरि विष्णु के 5 में अवतार के रूप में भगवान श्री हरि विष्णु ने वामन अवतार लिए थे।

कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, यहां जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व

वामन अवतार से जुड़ी कहानी क्या है।

श्री हरि विष्णु को आखिरकार वामन अवतार क्यों लेना पड़ा सतयुग कल में एक दैत्य थे जिनका नाम बाली था दैत्य राजबली का इतना बलशाली थे कि उन्होंने स्वर्ग पर भी कब्जा जमा लिए थे और तीनों लोग पर अपना कब्जा जमाने के लिए निकल पड़े थे।

उन्होंने एक यज्ञ प्रारंभ किया जिसके अंत होते ही वह तीनों लोगों का स्वामी बन जाते हैं लेकिन भगवान श्री हरि विष्णु सब जानते थे की क्या होने वाला है और क्या नहीं दैत्य राजबली बहुत बड़े दानवीर भी माने जाते थे। इसलिए भगवान ने उनसे उनके ही रूप में बदला लेने की सोची।

भगवान विष्णु ने वामन अवतार क्यों लिया था?

और ब्राह्मण का भेष लेकर जो की वामन अवतार का ही रूप है तीन पग जमीन राजा बलि से उन्होंने मांगा और उसके बाद राजा बलि ने उन्हें आश्वासन दिया की है ब्रह्म देव हम आपको तीन पक्ष जमीन देंगे। भगवान श्री हरि विष्णु ने तीन पग जमीन में पहला पग हैं। पहले पद में उन्होंने पूरी पृथ्वी को नाप दिए। और दूसरे पद में पूरे ब्रह्मांड को भगवान श्री हरि विष्णु ने अपने कदम के अंदर करके राजा बलि से बोले कि तीसरा पग में कहां रखूं।

बहुत बड़े दान वीर होने के कारण राजा बलि ने उनसे कहा कि आप अपना तीसरा पर मेरे सर के ऊपर रख दीजिए भगवान श्री हरि विष्णु ने जैसे ही अपना तीसरा पर राजा बलि के सर पर रखा राजा बलि तुरंत ही पाताल लोक में पहुंच गए राजा बलि के दान से खुश होकर भगवान श्री विष्णु ने उन्हें पाताल लोक का स्वामी बना दिया और देवताओं को स्वर्ग लौटा दिए।

जया किशोरी जी का जीवन परिचय | Jaya Kishori ji Wikipedia, biography

वामन पुराण कथा का अर्थ क्या है।

भगवान श्री हरि विष्णु ने ब्राह्मण का भेष लेकर या रूप बनाकर इस अवतार में राजा बलि से स्वर्ग देवताओं को लौट के लिए रूप धारण किया था इसलिए उन्होंने ब्राह्मण का भेष धारण कर लिए थे इसी चलते उनका इस अवतार को वामन अवतार कहा जाता है।

वामन अवतार पुराण में कितने श्लोक और अध्याय हैं।

इस पुराण में कितने अध्याय और श्लोक पाए जाते हैं। दो खंडों में प्रस्तुत यह पुराण श्री हरि विष्णु पर पूर्ण आधारित पुराण है इसलिए हाथ से इसे वैष्णव पुराण के रूप में भी कुछ लोग देखते हैं।

वामन पुराण कथा कोई बहुत ही बड़ा पुरान नहीं है दो खंडों में विभाजित या पुराण मैं कुल मिला करके 95 अध्याय और 10000 श्लोक के लगभग इस महा वामन पुराण में पाया जाता है।

वामन पुराण के रचना करने वाले कौन है।

श्री हरि विष्णु के अवतार का वर्णन पर आधारित या पुराण के रचना करने वाले कौन हैं हर वेद और पुराण के भक्ति भी इस पुराण जो की वामन पुराण कथा के नाम से जाना जाता है उनके भी रचना करने वाले हमारे भगवान वेदव्यास जी ही हैं इन्होंने ही इस पुराण की भी रचना की है।

वामन पुराण में क्या लिखा है।

वामन पुराण कथा में क्या लिखा हुआ है श्री हरि विष्णु के आधारित पर या पुराण में पाप पुण्य तथा नरक का वर्णन भी इस पुराण में मिलता है व्रत पूजा तीर्थ आदि का महत्व का वर्णन इसमें पूरा बताया गया है। जो भी व्यक्ति को आत्म ज्ञान जो की प्राप्ति हो जाती है।

आखिर क्यों माता तुलसी ने भगवान विष्णु को दिया था श्राप, जानें तुलसी विवाह की कहानी

वह व्यक्ति मोह माया छोड़-छाड़ कर आदमी ज्ञान की ओर चल देता है। तो उसे पूजा पाठ की कोई जरूरत नहीं है साथी सच्चा ब्राह्मण वही है जो धन की लालच नहीं करता है उसे ही सच्चा ब्राह्मण माना जाता है इस वामन महापुराण में भगवान श्री हरि के रूपों का वर्णन मिलता है।

उनकी सुंदरता का वर्णन मिलता है उनके सुनहरे रंगों का वर्णन मिलता है भगवान किस तरह सोने की भांति चमकते रहते हैं इन सब से जुड़ी भी जानकारी इस पावन पुराण में मिलती है। वामन पुराण कथा में एकादशी व्रत की कथा को भी बहुत महत्वपूर्ण कथा बताया गया है।

और व्रत बताया गया है सत्यनारायण स्वामी व्रत पूजा भी बहुत बड़ा व्रत पूजा बताया गया है इसलिए आप अपने जीवन में एकादशी व्रत जरूर करें। बोलिए श्रीमान नारायण वृंदावन बिहारी लाल की जय बांके बिहारी लाल की जय।

Telegram Group Join Now
WhatsApp Group Join Now
Instagram Group Join Now

1 thought on “जानिए वामन पुराण से जुडी कुछ रहस्य्मयी जानकारिया तथा रोचक तथ्य”

Leave a Comment