Sundarkand PDF in Hindi: सुंदरकांड पाठ करने से पहले जान लीजिये ये बातें

Sundarkand PDF: सुंदरकांड का वर्णन आपने भी कभी न कभी सुना होगा। अगर आप किसी भी महापुरुष या संतों को अपने कस्ट, अपने तकलीफ के बारे में बताते हो तो उन सब का वो सिर्फ एक ही उपाय बताते हैं, वो है सुन्दरकाण्ड का पाठ करना। तो क्या है सुन्दरकाण्ड और किस लिए इसका रचना किया गया है, इन सारी बातों को आज हम इस आर्टिकल में बताने वाले हैं। तो कृपया इस आर्टिकल ध्यान पूर्वक पढ़।

काव्यों के अनुसार, सुन्दरकाण्ड हमारे हिंदू धर्म में बहुत ही पवित्र पुस्तक माना गया है। सुंदरकांड (Sundarkand PDF in Hindi) का पाठ करने का भी विशेष महत्व है। तो सुंदरकांड रोज कितने बार पढ़ना चाहिए और सुंदरकांड पढ़ने के क्या-क्या फायदे हैं इन सारी बातों पर विशेष कर प्रकाश डालेंगे। और आप लोगों को सुन्दरकाण्ड का महत्व समझने की कोशिश करेंगे। तो चलिए शुरू करते हैं।

सुंदरकांड (Sundarkand PDF in Hindi) का पाठ करने का भी विशेष महत्व

Sundarkand PDF in Hindi: हनुमान जी के जीवित होने के कई सारे प्रमाण अमुमन मिलते रहते हैं और इतने और उपलब्ध हैं। क्योंकि प्रभु जी को चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त है। उनके भक्ति और लगन को देखते हुए, उन्हें कलयुग के अंत तक चिरंजीवी होने का वरदान मिला और कोई भी शस्त्र से उन्हें कुछ भी ना होने का आशीर्वाद देवताओं के द्वारा दिया गया है।

और कुछ विद्वानों की माने तो कलयुग में सबसे ज्यादा पूजे जाने वाले देवता भी हमारे बाहुबली कहें या महाबली कहें, वो हनुमान जी ही हैं। और सुन्दरकाण्ड में महाबली हनुमान जी के द्वारा किये गए महान कार्यों का ही वर्णन किया गया है। और काव्यों के अनुसार जो भी व्यक्ति नियमित रूप से सुंदरंद का पाठ करता है उसके सारे रोग दुःख दूर हो जाते हैं।

सुंदरकांड के रचयिता कौन है?Sundarkand PDF Author

Sundarkand PDF in Hindi
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Sundarkand PDF: सुंदरकांड के रचयिता और रचनाकार कौन है? सुंदरकांड के रचयिता के रूप में हमलोग महाविद्वान और महाज्ञानी महर्षि वाल्मीकि जी को जानते हैं। इन्होंने ही सुंदर कांड की पूरी रचना की है। और इसका पूरा उल्लेख खुल करके बताया है।

लेकिन महाकवि तुलसीदास जी के द्वारा रचित रामचरित्रमानस में भी सुन्दरकाण्ड का जिक्र देखने को मिलता है। लेकिन तुलसी जी के रामचरित्रमानष में सभी कहानियों को एक साथ जोड़ कर बताया गया है। लेकिन सुन्दरकाण्ड में मुख्यतः हनुमान जी के बारे में ही बताया गया है। इसीलिए अमूमन महर्षि वाल्मीकि को ही सुन्दरकाण्ड के रचइता के रूप में माना जाता है।

सुंदरकांड क्या है?Sundarkand PDF in Hindi

Sundarkand PDF in Hindi: सुंदरकांड रामचरितमानस का ही एक भाग है। रामचरितमानस अनेक विद्वानों और संतों द्वारा लिखा गया है। उसी में से किसी को बाल्मीकि रामायण तो किसी को तुलसीरामचरितमानस कहते हैं। ऐसे ही अनेक प्रकार के रामायण लिखे गए हैं। रामचरितमानस के सात कांडों में से एक कांड सुंदरकांड (Sundar Kand Path) भी है। रामयण का पांचवां भाग सुन्दरकाण्ड ही है।

इसीलिए जब रामायण की रचना हो रही थी, तभी सुन्दरकाण्ड (Sundar Kand Path) की भी रचना की गयी थी। सुन्दरकाण्ड का उल्लेख रामचरितमानस से लेकर के और भी बहुत सारे धार्मिक पुस्तकों में मिलती है। और सुन्दरकाण्ड में मुख्यतः हनुमान जी के द्वारा किये गए महँ कार्य जैसे की हनुमान जी का समुन्द्र लाँघ जाना, सोने की लंका का दहन कर देना इन्ही कहानिओ का जिक्र किया गया है।

सुंदरकांड में किस-किस चीज का वर्णन है? Sundarkand PDF in Hindi

Sundar kand Path: सुंदरकांड में बहुत सारे कहानिओं का वर्णन है। लेकिन मुख्य रूप से हनुमान जी के महान कार्य का ही वर्णन किया गया। हनुमान जी जब जग जननी मां सीता की खोज करने गए थे वहां से लेकर प्रभु श्री राम जी को माता सीता जी के बारे में सब बताने तक का बहुत बढ़िया से वर्णन किया गया है।

और प्रभु हनुमान जी के द्वारा राक्षसों का संहार को, लंका दहन आदि को एक-एक करके वर्णन किया है। और सभी लोगों को दिन में कमसे कम एक बार सुंदरकांड का पाठ जरूर करना चाहिए। अगर दिन में एक बार ना भी हो तो कमसे काम मंगलवार और शनिवार के दिन तो जरूर से जरूर सुन्दरकाण्ड का पाठ (Sundar kand Path) करना चाहिये। ऐसा करने से आपके ऊपर आने वाले सारे परेशानिओ का नस्ट हो जाता है।

सुंदरकांड के दोहे और चौपाई – Sundarkand Path PDF

Sundarkand Path PDF: हमारे ज्ञानी महर्षि वाल्मीकि जी ने बहुत ही संक्षिप्त शब्दों में या कहे तो बहुत ही छोटे-छोटे शब्दों में और पूरी तरह से सुंदरकांड के दोहे और चौपाई को वर्णन किए हैं। क्योंकि महर्षि वाल्मीकि इतने विद्वान थे की बहुत ही बड़े बातों और घटनाओं को भी छोटे छोटे शब्दों में वर्णन करने की क्षमता रखते थे। और बहुत ही बढ़िया ढंग से उन सारी बातों को समझा भी सकते थे।

ऐसे ही हमारे महर्षि वाल्मीकि को इतना ज्ञानी और बुद्धिमान व्यक्ति नहीं कहा गया है। हर एक दोहा किसी न किसी कहानी को व्यक्त करता है और हर एक चौपाई पूरी घटना को दिखने की। और ये सब इस तरीके से लिखा गया है की अगर किसी व्यक्ति को थोड़ी भी संस्कृत आती है तो वो इन दोहों का मतलब बड़ी आसानी से समझ सकता है।

Sundarkand PDF in Hindi: अब आपके मन में प्रश्न आ रहा होगा की जिन व्यक्ति को संस्कृत नहीं आता तो क्या वो सुंदरकांड का पाठ नहीं कर सकते। तो इसका जवाब है की हाँ वो भी बहुत आसानी से सुन्दरकांड का पाठ कर सकतें हैं। क्योंकि बाद में कुछ महाऋषियों ने मिल कर सुन्दर काण्ड को हिंदी भाषा में अनुवादित कर दिया। तो जिन्हे संस्कृत नहीं भी आती है वो लोग भी बहुत आसानी से सुंदरकांड का पाठ (Sundar Kand Path) कर सकते हैं।

पूरे सुंदरकांड में किसकी गाथा ज्यादा है?Sundarkand Path PDF

Sundarkand Path PDF: पूरे सुंदरकांड में हमारे प्रभु श्रीराम की विजय और शौर्य से जुड़ी गाथा को बहुत बढ़िया ढंग से समझाया गया हैं। रामायण के ही एक अध्याय होने के कारन रामायण के आधार पर सुंदरकांड को लिखा गया है। पर इस पूरे सुंदरकांड को हनुमान जी के लिए पढ़ा जाता है। लेकिन हमारे प्रभु हनुमान जी कि बल और पराक्रम की विशेष गाथा को इस सुंदरकांड में लिखा गया है। हमारे प्रभु हनुमान जी ही इतने बलशाली हैं की उनके बाल और पराक्रम से भला कौन अनजान हो सकता है।

अगर आप अपने जीवन काल में प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके जीवन से सारे दुख और कष्ट खत्म हो जाएंगे। अगर आप प्रतिदिन सुंदरकांड का पाठ करते हैं तो आपके घर में आई अशांति या सनी का साया, इन सभी तरह के कष्टों से आपको तुरंत ही छुटकारा मिल जाएगा। अगर प्रतिदिन ना भी हो तो आप मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड (Sundarkand Path PDF) का पाठ अवश्य करें।

कहते हैं कि चिरंजीवी होने के कारण प्रभु हनुमान जी का जो भी भक्त सच्चे मन से प्रार्थना करते हैं और उनका भजन-कीर्तन करते हैं तो प्रभु हनुमान जी अपने उस भक्त पर अपना विशेष कृपया और दया जरूर बरसाते हैं। तो बोलिये महाबीर बजरंगबली की जय जय। जय जय श्री राम।


kikahani

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