शिव पुराण का महत्व, पढ़ने के फायदे तथा महत्वपूर्ण विधि | shiv puran katha

shiv puran katha: हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण है और शिव पुराण (shiv puran katha) उनमें से एक है। माना जाता है कि अगर आप सावन में शिव पुराण का कथा वाचन करते हैं या फिर सुनते भी हैं तो आपकी जिंदगी में कभी कोई परेशानी नहीं आने वाली है।

लेकिन शिव पुराण (shiv puran katha) पढ़ने का एक नियम होता है जिसमें से अगर आप किसी भी नियम का उल्लंघन करते हैं तो आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको वह सारे नियमों के बारे में बताने वाले हैं जिनका आपको शिव पुराण(shiv puran katha) पढ़ते वक्त ध्यान रखना चाहिए और तो और हम आपको शिव पुराण पढ़ने के फायदे क्या-क्या होते हैं यह भी बताने वाले हैं। तो आपसे अनुरोध है कि आप यह इस आर्टिकल को पूरे अंत तक ध्यान से जरुर पड़ेगा।

शिव पुराण का महत्व (shiv puran katha)

shiv puran katha: हिंदू धर्म के 18 पुराणों में से एक शिव पुराण में आपको भगवान शिव से जुड़े हर एक जानकारी मिलता है। इसमें आपको क्या भी बताया जाता है कि शिवलिंग का उत्पत्ति कैसे हुआ और भगवान शिव जी के लीलाओं का वर्णन किया गया है। और अगर आप सनातन धर्म में पैदा हुए हैं तब आपको शिव पुराण का पाठ तो जरूर से जरूर करना चाहिए।

वैसे तो आप किसी शुभ मुहूर्त में शिव पुराण का पाठ कभी भी कर सकते हैं लेकिन कहा जाता है कि जो व्यक्ति भी सावन के महीने में खासकर शिव पुराण का पाठ करता है तो उसके जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं।

शिव पुराण में आपको चंचल और उनके प्रति बिंदुग का वर्णन मिलता है जिन्होंने बस शिव पुराण की श्रवण करके शिवलोक में जगह प्राप्त कर लिया था। और महर्षि व्यास जी के शिष्य सुतजी ने शिव पुराण का कैसे पाठ करना चाहिए उसे जीवनी सारी जानकारी प्रदान किए थे। तो आज हम आपको वही सारी जानकारी इस आर्टिकल के माध्यम से देने वाले हैं।

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शिव पुराण पढ़ने के फायदे (shiv puran katha)

वैसे तो कहां जाता है कि आपको कभी भी पुराण को किसी फायदे से जोड़कर नहीं देखना चाहिए लेकिन कलयुग में व्यक्ति कोई भी कार्य बिना किसी फायदे के नहीं करना चाहता है। लेकिन फिर भी हम आपको कहना चाहते हैं कि आप शिव पुराण (shiv puran katha) का वचन बस ज्ञान की प्राप्ति के लिए करें। साथ ही आपको शिव पुराण का वचन करने से इन प्रकार की लाभ होती है।

  • शिव पुराण का पाठ करने से मनुष्य को वह से मुक्ति मिलती है।
  • शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  • शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को अपने पापों से छुटकारा मिलता है।
  • सावन के महीने में शिव पुराण का पाठ करने से व्यक्ति को सांसारिक दुखों से मुक्ति प्रदान होती है।
  • शिव पुराण की पाठ करने से इंसान को मृत्यु भय से मुक्ति मिलती है ।
  • शिव पुराण का पाठ करने से आपके मन की शांति प्राप्त होता है।

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शिव पुराण पूजा विधि (shiv puran katha)


shiv puran katha: शिव पुराण का पाठ करने का एक अलग विधि है। आपको कभी भी शिव पुराण को एक किताब समझकर नहीं पढ़ना है। शिव पुराण पढ़ने से पहले आपको अच्छे से नहा धोकर बिना कुछ खाए पिए सबसे पहले तो शिव पुराण का पूजा करना है उसके बाद भगवान भोलेनाथ तथा अन्य सारे देव तथा महर्षि की नाम लेते हुए शिव पुराण का शुरुआत करना है।

शिव पुराण पढ़ते समय आप किसी भी तरह से अपने स्थान से उठ नहीं सकते हैं। और शिव पुराण कथा वाचन करते वक्त आप अपने सर को जरूर द्धक ले। जैसे ही आप शिव पुराण कथा वाचन पूरी कर लेते हैं तब आपको वापस से शिव पुराण का पूजा करना है और जो प्रसाद आप चढ़ाते हैं उसको सब में बांटना है।

शिव पुराण सुनने वालों के लिए जरूरी नियम (shiv puran katha)

  • शिव पुराण (shiv puran katha) का आयोजन अगर आप कभी भी करते हैं तब आपको अपने आस-पड़ोस तथा अपने सारे रिश्तेदारों को जरूर से जरूर निमंत्रित करना है। ऐसा करने से भगवान भोलेनाथ काफी प्रसन्न होते हैं क्योंकि आप अपने साथ-साथ दूसरों को भी पुण्य अर्जित करने का मौका दे रहे हैं जिससे आपको बहुत ज्यादा पुण्य मिलता है।
  • शिव पुराण कथा का वचन आपको उपवास रखकर ही करना चाहिए। शिव पुराण कथा वाचन पूरी होने के बाद ही आप खाना खा सकते हैं। अगर आप कोई वृद्ध व्यक्ति है या फिर आप किसी तरह के बीमारी से ग्रसित है तब आप फल या कुछ मीठा खाकर शिव पुराण (shiv puran katha) का वचन कर सकते हैं।
  • शिव पुराण कथा वाचन करने से पहले आपको पूरी तरह से संकल्प कर लेना है कि आप इस कथा का वचन पूरी तरह ध्यान लगाकर ही करेंगे और अपने मन को भटकने नहीं देंगे।
  • जब तक शिव पुराण चलता रहता है तब तक आपको हर दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करना चाहिए।
  • कथा आरंभ तथा अंत करने के पहले और बाद में आपको शिव पुराण का पूजा और आरती करना चाहिए उसके बाद ही आपको कथा वाचन करना चाहिए।

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