Rig Veda Hindi: आखिर वेदों में ऋग्वेद का स्थान कितने है? और ऋग्वेद की रचना किन्होने किया था? ऋग्वेद में कितने छन्द हैं तथा कितने श्लोक हैं और सभी चीजों के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। ऋग्वेद से जुड़ी हर एक जानकारी आज हम आपको देने की कोशिश करेंगे चार वेदों में ऋग्वेद का क्या महत्व है यह भी हम आज आपको बतलाएंगे। तो चलिए आर्टिकल को ज्यादा लंबा ना करते हुए अब ऋग्वेद से जुड़ी जानकारी प्राप्त करते हैं।
सनातन धर्म मे वेद चार प्रकार के हैं। ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद। इन सभी वेदों में से आज हम बात करने जा रहे हैं ऋग्वेद के बारे में। वेद एक सनातन धर्म का बहुत ही धार्मिक ग्रंथो में से एक है जो की बहुत सारे ऋषि मुनियों ने मिलकर इस लिखे हैं। वेद का हर एक उच्चारण अगर कोई भी व्यक्ति अगर ठीक ढंग से कर लेता है तो उसे बहुत ही अधिक फल पर की प्राप्ति होती है।
ऋग्वेद की उत्पत्ति | Origin of Rig Veda – सबसे प्राचीन वेदों में से एक ऋग्वेद
Rig Veda pdf: जब वेदों की बात कर ही रहे हैं तो और उसमें भी ऋग्वेद का कुछ भी दीवानों का मानना है कि सनातन धर्म की सबसे पहली पुस्तक ऋग्वेद ही थी। जिसकी रचना लगभग आज से 3500 ईसा पूर्व से लेकर 4000 ईसा पूर्व पहले हुआ था। जिसका सटीक अनुमान नहीं होने के कारण ही हमने भी आपको लगभग में इसका अनुमानित उम्र बताया है।
लेकिन कुछ विद्वानों और कुछ महर्षि और ज्ञानियों में आज भी यह तर्क जारी रहता है कि नहीं वेद का आविष्कार या कहें तो वेद त्रेता युग से भी पहले लिखा गया था कुछ त्रेता युग में कहते हैं कोई द्वापर में कहते हैं।
ऋग्वेद में कितने श्लोक और कितने छंदों हैं – Rig Veda Hindi
Rig Veda Hindi: सबसे प्राचीन ग्रंथो में से एक ऋग्वेद जिसकी रचना सबसे पहले वेदों में से माना जाता है ऋग्वेद में कितने श्लोक और कितने छंदों हैं ऋग्वेद संहिता के मूल पाठ हैं का ऋग्वेद में कुल मिलाकर छंदों की संख्या 10600 है जो कि अपने आप में ही एक बहुत बड़ी संख्या है और शोक की बात करें या कहे तो सूत्रों की ऋग्वेद में कितने श्लोक हैं ऋग्वेद में अस्लोक की संख्या मिलती है 1028 है
10600 छंदों और 1028 श्लोक और 10 पुस्तकों का मंडलों का संग्रह को मिलकर ऋग्वेद बनता है जिस की सनातन धर्म की एक बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक में से एक माना जाता है वैसे तो चारों वेद की ही महत्व बहुत ही अधिक है और हर वेद हमें कुछ नया सीखना है तो चलिए और आगे जानते हैं वेदों के बारे में।
ऋग्वेद के श्लोक और छंदों की रचना स्वयं ऋषियों ने किए हैं यह ऋषि कोई एक नहीं बहुत से ऋषियों ने मिलकर ऋग्वेद को लिखे हैं और उनके असलोक और छंदों को हमारे विद्वान ऋषियों ने लिखा है।
ऋग्वेद दो भागो का विभाजन :-
- अष्टक क्रम और
- मण्डलक्रम
ऋग्वेद की विशेषताएं | Features of the Rig Veda Hindi
ऋग्वेद में आखिर किसका वर्णन है? – Rig Veda pdf
सबसे पुराने वेदों में से या कहे तो सबसे पहले वेद में से ऋग्वेद इसमें आखिरकार किन सब बातों का वर्णन किया गया है ऋग्वेद में बहुत से देवताओं का वर्णन के साथ-साथ औषधि के बारे में बताया गया है तो चलिए जानते हैं वह कौन-कौन से देवता हैं और वह कौन सा औषधि है
ऋग्वेद के देवताओं – ऋग्वेद के अनुसार ईश्वर कौन है?
इनमें अग्नि इंद्र रुद्रा वरुण मरूत साबित्रु सूर्य तथा दो अश्विनी देवताओं की स्तुति है या और इन्हीं सभी देवताओं का मुख्य रूप से इसमें वर्णन लिखा गया है ऋग्वेद के प्रमुख यही सब देवता है इन सभी देवताओं का ताकत तथा उनकी स्तुति का वर्णन ऋग्वेद में बेहतर ढंग से समझाया गया है जिस की इस सभी देवता 33 कोटि देवताओं में से हैं।
औषधि का वर्णन ऋग्वेद में कहां-कहां है। Rig Veda Hindi
ऋग्वेद लगभग 10 अध्याय में बांटा गया है ऋग्वेद में 228 सूत्र है तथा इसमें 11000 मंत्र तथा 125 औषधि के बारे में भी बताया गया है जो विभिन्न 107 जगह पर पाया जाता है। इन सभी औषधीय का वर्णन है की जो भी व्यक्ति इस औषधि को सेवन करेगा वह संजीवनी के समान चमक उठेगा और किसी भी प्रकार का उसके शरीर में रोग की जगह ना रह जाएगी
ऋग्वेद किसने लिखा था? उनके रचयिता कौन हैं? – Rig Veda pdf
वेद को कौन लिखे हैं और उनके रचयिता कौन हैं वेद को महर्षि वेदव्यास ने द्वापर युग के अंत में लिखे थे उसे समय भेद बहुत ही बड़ा हुआ करता था उसके बाद से वेदव्यास जी ने उन चारों वेदों को संक्षेप में कर कर मनुष्य के सामने या कहे तो व्यक्तियों के सामने रख दिया पढ़ने के लिए इन्होंने चारों वेदों को लिखा है अथर्ववेद यजुर्वेद सामवेद ऋग्वेद इन चारों वेदों के जनक महर्षि वेदव्यास जी ही हैं।
वेद से जुड़ी जानकारी लेने के लिए हमारे इस चैनल पर आते रहिए और सभी धार्मिक जानकारियां प्राप्त करते रहिए सनातन की जानकारी हर एक तक पहुंचाना ही हमारी मकसद है।