Nag Panchami: नाग पंचमी से जुड़ी हर जानकारी हम आपको बतलाने जा रहे हैं नाग पंचमी कब मनाई जाती है किस लिए किस माह में नाग पंचमी होती है नाग देव को नाग राज क्यों कहा जाता है ये सारी बाते जो नाग पंचमी (Nag Panchami) और नाग देव से जुड़ी है आज हम भक्त जन और शारद्धालुओ ko स्पष्ट रूप से बलाएंगे | तो चलिए शुरू करते है नाग पंचमी से जुड़ी जानकारी
Nag Panchami 2024: नाग देवता की करते हैं आराधना
Nag Panchami 2024: नाग पंचमी में हमलोग नाग देवता की पूजा करते है और उनको खुश करते है और नाग देवता के बारे में जाने ये नाग देवता कोई और नही शेष नाग और तक्षक और बासुकी नाग है । इन्हे एक और नाम से भी जाना जाता है अनंत तक्षक और बासुकी ये हमारे भगवान को अत्यंत प्रिय है जिसमे शेष नाग श्री हरि के चरणों में रहते है और बैकुंठ में बास करते है तो नाग राज बासुकी हमारे शिव जी के गले की शोभा बड़ाते है । और कैलाश पर्वत पे बास करते है
Nag Panchami: नाग देव के साथ और किनकी पूजा होती है
नाग पंचमी पर भोले बाबा के साथ नाग देव की पूजा की जाती है। ये दोनो की पूजा एक साथ ही नाग पंचमी को ही की जाती है और इस दिन विधिवत पूजा और अर्चना लोग के द्वारा किया जाता है और लोग का कहना है की नाग पंचमी के दिन पूजा पाठ करने से नाग या सर्प काटने का डर कम हो जाता है। और साथ ही नाग पंचमी के दिन पूजा करने से नाग देव की बिशेश कृपया और आशीर्वाद आप पर सदैव बनी रहती है।और नाग देव खुश होकर आशीर्वाद शोरुप कई प्रकार के शुभ फल की प्राप्ति होती है।
नाग पंचमी कब मनाई जाती है? – Nag Panchami kab hai
नाग पंचमी को हम लोग सावन महीने के कृष्ण पक्ष के पंचमी के दिन के रूप में हमलोग मानते है और पूजा पाठ करते है।
और इस दिन नाग देवता या शर्प की पूजा की जाती है। और कई जगहों पर सर्प को दूध से स्नान करने की परम्परा है तो कही पे दूध पिलाने की परंपरा को मनाई जाती है पर ये अपनी अपनी परंपरा के अनुसार की बात है। लेकिन सर्प या नाग देवता को दूध पीने से अनपच हो जाती है। और जिससे उनकी मौत भी हो जाने की भी संभावना हो जाती है जिसके कारण दूध नही ही पिलाए तो अच्छा होगा
Nag Panchami 2024: नाग देवता को नाग राज नाम क्यों पड़ा
नागराज जो की नाग और राजा को जोड़कर बना शब्द को नाग राज कहते है| अर्थात नागो का राजा को नाग राज कहते है।यह मुख्य रूप से तीन देवताओं के लिए माने जाते है। शेष नाग तक्षक और बासुकी ये तीनों अपने सागे भाई है और ये महान महर्षि कश्यप तथा और उनकी पत्नी करदु के पुत्र माने जाते है जो की सभी नाग बंश के जनक भी माने जाते है। और आज भी नागो का राजा कहे जाते है|
Nag Panchami 2024: नाग पंचमी के दिन किस चीज का दान से भाग चमकते हैं
नाग पंचमी के दिन सोने या चांदी के नाग नागिन के जोड़े किसी भी गरीब ब्राह्मण या लाचार और गरीब आदमी को या मन्दिर में सोने या चांदी के नाग नागिन के जोड़े को दान करे अगर आपसे सोने चांदी की नहीं हो सकती तो तांबे का दान करे इस नाग नागिन के जोड़े को शिव जी के मंदिर या शिबाला में चढ़ा कर दान करने से शाप का भय नही रहता और शार्प रोग से छुटकारा मिल जाता है ।
Nag Panchami के किस के दर्शन मात्र शुभ फल प्राप्त होती है?
कहते है अगर नाग पंचमी के दिन किसी भी व्यक्ति को दिन हो या रात में अगर नाग या शार्प देवता का दर्शन हो जाता है तो यह अत्यंत शुभ माना जाता है और उस व्यक्ति का कोई भी रुका काम तुरंत हो जाता है और नाग पंचमी के दिन को पूजा पाठ्ये करने से आपके जीवन में धन धान की भी प्राप्ति होती है और शाप काटने का डर भी नही रहता है उसके जीवन में इसी लिए कहते है की नाग पंचमी के दिन नागो के दर्शण मात्र से भाग चमकते है।
कुश के नाग देव की प्राकार पूजा करें
कुश के नाग देव की पूजा करने का सही तरीका है इस प्रकार कुछ विद्वानो की माने तो अगर नाग पंचमी के दिन एक कुश की लकड़ी लेकर बाडिया ढंग से नाग देवता बना कर घी दही दूध गुड से विधिवत पूजा पाठ की जाए तो नाग देव अपने भक्त जन को मबानंछित फल प्राप्त करते और नाग देवता अपने भक्त पर विशेष कृपया बनाए रखते है।और सदैव भक्तो का ख्याल रखते है
नाग पंचमी को क्या नहीं करना चाहिए
नाग पंचमी के दिन भूल कर भी नहीं करना चाहिए ये काम जिससे नाग राज नाखुश हो जाए नाग पचमी के दिन कभी भी सुई और धागे का प्रयोग भूल कर भी नही करना चाहिए और ना ही लोहे की बर्तन में खाना खाना या बनाना चाहिए ये सभी काम करने से आपके जीवन में दोष लगता है।और आप से नाग देव नाखुश हो सकते है और इस से नाग दोश भी लगता है
Nag Panchami 2024: नाग पंचमी के दिन करें 12 नाग देवताओं के नामों का उच्चारण
नागपंचमी के 12 नामों के उच्चारण से नाग देवता अत्यंत खुश होते हैं ये नाम इस प्रकार है:
- शेष नाग
- तक्षक नाग
- बासुकी नाग
- अनंत नाग
- पदा नाग
- कम्बल नाग
- कर्कोटक नाग
- अक्ष्वतर नाग
- धृतराष्ट्र नाग
- शड्ंखपाल नाग
- कालिया नाग
- पिड़ं्ल नाग
कहां और कब लगता है नाग पंचमी का मेला – Nag Panchmi Kab Hai
नाग पंचमी का मेला कहा और कब लगता है? ये मेला हमारे बिहार के ही राजधानी से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित बेगूसराय जिला में स्थित एक छोटे से गांव अगापुर में यह मेला लगता है ये सावन के नाग पंचमी के दिन लगता है इस मेले में लोगो द्वारा पकड़े गए जिन्दा और जहरीले सापो को लाया जाता है और करतब दिखाए जाते है इस गांव एक और नाम से भी जाना जाता है snake fair in agapur village bihar ke नाम से जाना जाता है
नाग देवता का मंत्र क्या है
नाग देवता का मूल रूप से दो मंत्र है यह दोनों ही मंत्र उच्चारण मात्र से नाग देव खुश रहते है ये दोनो मंत्र हम आपको बताने जा रहे है नाग देव के लिए मंत्र इस प्रकार है:
1) ॐ नागदेवताये नमः इस मंत्र का उच्चारण कम से कम 108 बार करें
2) ॐ नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमही तऩौ सर्प प्रचोघातृ इस मंत्र का भी 108 बार जाप जरूर कर
जय नाग देव हर हर महादेव