Benefits of Mahamrityunjay Mantra in Hindi: महामृत्युंजय मंत्र के लाभ: महामृत्युंजय मंत्र शिव जी का अत्यंत प्रिय मंत्र माना जाता है। शिव जी का कई और मंत्र है पर महामृत्युंजय मंत्र सब से प्रिर्ये है। महामृत्युंजय मंत्र के उपासना मात्र से ही आपको बहुत से लाभ होंग | महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra PDF) के रचयिता कौन है और इस जाप करने के फायदे इन सभी बातों का आज हम खुलकर बात करेंगे और किस लिए यह जाप किया जाता हैं, इन सारी बातों को समझेंगे |
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से होती है कई फायेदे (Benefits of Mahamrityunjay Mantra in Hindi)
Mahamrityunjay Mantra PDF: महामृत्युंजय का जाप करने से कई तरह के आपके शरीर पर आई सारी बाधाएं से मुक्ति और कैसा भी जटिल रोग हो उस रोग से भी झुटकारा मिल जायेगा और आपके जीवन में अकाल मृत्यु जैसी कोई भी घटना को शिव जी आपने ऊपर ले लेते है और सारी परसानियो से छुटकारा भी मिल जाएगी इस महामृत्युंजय मंत्र के जाप से ही सारी परेशानियों से छुटकारा मिल जाती है|
महामृत्युंजय जाप कहां करें (Best place to chant Mahamrityunjay Mantra in Hindi)
Mahamrityunjay Mantra in Hindi: महामृत्युंजय मंत्र का जाप आप कही भी कर सकते है। पर आपको यह कोशिश करना है की वह शांतिपूर्ण हो और आपका ध्यान बार बार भटके नही। आप किसी ऐसे स्थान को चुनिए जहा बच्चों का आवागमन काम हो जिससे आप पुरे ध्यानपूर्वक मंत्रोच्चारण कर पाएं। शास्त्रों की माने तो महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने के लिए सबसे उचित स्थान शिवजी का मन्दिर या शिवालय है| शिवालय या शिवजी के मंदिर में किया गया महामृत्युंजय मंत्र का जाप आपको तुरंत अत्यंत लाभदायक और शुभ फल प्राप्त होती ह। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पे आपको कोई भी परेशान नहीं करता और आप एक ऐसे स्थान पर होते हैं जोकि बेहद पवित्र होता है और आपका ध्यान भी नहीं भटकता है।
Mahamrityunjay Mantra in Hindi: महामृत्युंजय मंत्र की रचना कैसे हुई
प्राचीन काल की बात है एक मृकण्ड नामक मुनि हुआ करते थे| उनका कोई भी पुत्र नहीं था, इसी कारण मृकण्ड मुन्नी और उनके पत्नी ने मिलकर घोर तपस्या शुरू कर दिए| और घोर तपस्या के बाद शिव जी को खुश किया और शिव जी से वरदान शोरूप पुत्र कामना किए तब शिव जी ने कहा की तुम्हे दीर्घा आयु बाला गुणहीन पुत्र चाहिए या अल्प आयु बाला गुणवान पुत्र तब मृकण्ड मुनि ने कहा मुझे गुणवान पुत्र चाहिए तब जाके उन्हे अल्प आयु और गुणवान पुत्र के रूप में मार्कण्डेय जी हुऐ।
Mahamrityunjay Mantra PDF: मार्कण्डेय जी का उम्र कितना था
भगवान शिव जी के आशीर्वाद था की मृकण्ड मुनि को अल्प आयु पुत्र होगा | अल्प आयु का मतलब की उम्र 20 वर्ष से कम होगा | इसका मतलब मार्कण्डेय जी का उम्र अल्प आयु होने के कारण उनका उम्र मात्र 16 वर्ष की थी और उसके पश्चात उनका मौत होना था |
Mahamrityunjay Mantra PDF: उम्र की कामना में मार्कण्डेय जी चले जंगल
जब मार्कण्डेय जी की जन्म हुआ और उसके बाद जब वो कुछ बड़े हुए तो उनके पिताजी ने उन्हें साडी बातें बताई और उन्हें सुझाव दिए की पुत्र तुम आज से इस दिशा में जंगल की और प्रस्थान करो और रस्ते में तुम्हे जो मिले उन सभी को प्रणाम करते हुए चलना। पिता के आज्ञा अनुसार मार्कण्डेय जी जंगल की ओर चल दिए और सभी को प्रणाम करते चले |
ऐसे ही कुछ दिन बितने के बाद एक दिन उन्होंने एक संत के पाँव छू के प्रणाम किया, और आशीर्वाद प्राप्त करने के तुरंत बाद तीनो लोक में हाहाकार मच गया। क्योंकि इस लड़के का उम्र तो मात्र 16 वर्ष की है, लेकिन उस ऋषि ने तो चिरंजीवी का आशीर्वाद दे दिए | तो भगवान को भी भक्त का लाज रखनी पड़ी | भगवान को झुकना परता है तब उस ऋषि ने मार्कण्डेय जी को बोले पुत्र तुम जाके शिव उपासना करो और अपनी एक मंत्र बनाओ | तत्पश्चात महामृत्युंजय मंत्र की रचना हुई |
Mahamrityunjay Mantra Hindi: महामृत्युंजय के रचयिता मार्कण्डेय जी
तब जाकर मारकंडे जी ने जंगल में बीचोबीच जा कर शिव जी का आराधना शुरू किए | तत्पश्चात में एक भोलेनाथ का शिवलिंग बनाकर पूजा और पाठ कर दिए और एक अपना मंत्र बनाया जो की महामृत्युंजय मंत्र से जाना जाता है | उन्होंने मृत्युंजय मंत्र के साथ उपासना शुरू किया उसके बाद उपासना और भक्ति से उन्होंने शिवजी भोले बाबा को प्रसन्न कर दिया और जब उनकी मृत्यु के दिन आया तब मृत्यु के देवता यमराज ने उनका प्राण लेने के लिए आए तब उन्होंने महामृत्युंजय मंत्र का जाप तेज कर दिया |
उसके बाद स्वयं वहां पर भोले बाबा को आना पड़ा और उसके बाद मौत के देवता यमराज और भोलेनाथ के बीच कुछ वार्तालाप के बाद भोलेनाथ ने पूछा कि ‘तुम कौन हो?’ यमराज ने बोला कि मैं काल हूं | तब भोले बाबा बोलते हैं कि अगर तुम काल हो तो हम महाकाल हैं | और काल को भी महाकाल के आगे झुकना परता है | कालों के काल महाकाल के आदेश के बाद यमराज को वापस जाना पड़ा | और महाकाल ने मारकंडे जी को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे दिया |
Mahamrityunjay Mantra Hindi: अमर हो गए मार्कण्डेय जी
इस धरती पर कई चिरंजीवीओ में से एक मारकंडे जी का भी नाम आता है | और उन्होने अपने भक्ति और मेहनत से अपने आप को अमर किए | और सभी को दिख दिए की भक्त के आगे भगवान को भी झुकना परता है।
महामृत्युंजय मंत्र
“ओम त्रयंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वारुकमिव वंदनाम मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्“
Mahamrityunjay Mantra PDF: उम्र में सबसे बड़े कौन
कुछ ऋषि-मुनि और पुराण के अनुसार आज के टाइम में उम्र का गन्ना किया जाए तो इस पूरे ब्रह्मांड में ब्रह्मा जी के छोड़कर सभी में सबसे बड़े मारकंडे जी हैं |
मारकंडे जी के नाम के फायदे
उम्र में सबसे बड़े होने के कारण मारकंडे जी इस की धरती के सबसे प्रतापी ऋषि में से एक है | और उन्होंने सिर्फ महामृत्युंजय मंत्र का ही नही बल्कि मार्कंडेय पुराण का भी रचना किये है | आज के युग में जो भी मारकंडे जी का नाम सुबह सुबह के समय में लेता है उसको अनेक फायदे मिलते हैं | जो भी मारकंडे जी का नाम सुबह सुबह लेगा उसके सारे रोग अपने आप ठीक हो जाते हैं | और उस मानुष का उम्र कम से कम 100 वर्ष से अधिक हो जाती है ।
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