Shri Hanuman Katha: हनुमान जी का जन्म कहा और किस युग में हुआ, इनसारे बातो का वर्णन हम आज करने जा रहे है। वैसे तो कहते हैं कि इस कलयुग में किसी के पास पूर्ण व्याख्या और वर्णन नहीं है की हनुमान जी का जन्म कहा ओर इस समय हुआ था। पर कुछ पुराण (Shri Hanuman Katha in Hindi) और काव्य के साक्ष्य से तथा कुछ महापुरुषों और कुछ ज्ञानियों के कहने के अनुसार बजरंगबली का जन्म स्थान और समय का वर्णन किया गया है। हम आज विशेष कर उसी के बारे में बताने जा रहे है।
Shri Hanuman Katha: बचपन में बहुत शरारती थे हनुमान जी
प्रभु हनुमान बचपन में इतने शरारती थे की उसका तो वर्णन ही करना मुस्किल है। एक बार की बात है की प्रभु हनुमान जी को भूख लगी तो उन्होंने अपने माता तारा मां से खाने की मांग की। तो उनकी मां ने बोला कि बगीचे में जा कर देखो जो भी लाल दिख रहा है, वो फल खा लो तो प्रभु जी बगीचे में गए लेकिन उन्हें कोई भी लाल फल देखने को नहीं मिला।
लेकिन तभी उनकी नजर आश्मान में प्रकट हो रहे सूर्य देव को देखा। सुबह का समय होने के कारन सूर्य देव की लालिमा से हनुमान जी को लगा की माता जी ने जैसा कहा था वैसा ही फल है। और फल समझ कर हनुमान जी सूर्य भगवान को ही निगल गए। तीनो लोक में अंधकार मच गया। पशु, पक्षी और जिव-जंतु सरे मूर्क्षित होने लगे। हवा भी रुक गयी।
तब इंद्रदेव ने हनुमान जी को समझाया की मारुती कृपया आप जिद छोड़ दे और सूर्य देवता को अपने मुख से आजाद अरे लेकिन हनुमान जी नहीं मने। सभी देवताओं ने लाख कोशिश की लेकिन फिर भी मारुती नहीं मने । अंत में इंद्रा देव बहुत क्रोधित हो गए । और गुस्से में आ कर उन्होंने अपने बाजरा से हनुमान जी पर प्रहार कर दिए। जिससे हनुमान जी मूर्क्षित हो गए और तब जा के भगवान हनुमान जी के मुख से आजाद हुए।
लेकिन इसके बाद हनुमान जी के पिता वायु देव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपने पुत्र को उठाया और एक गुफा में चले गए और अपने प्रवाह को रोक दिया जिससे पुरे विश्व में वापस से हाहाकार मच गया। तब सारे देवताओं ने वायु देव से प्राथना किया और मारुति का उपचार कीये तथा सभी देवताओं ने उन्हें एक एक वरदान दिया। तब जाके वायु देव और मारुती जी माने। इतने शरारती थे प्रभु हनुमान ।
Shri Hanuman Katha in Hindi: चिरंजीवी अमर बजरंगबली राम भक्त हनुमान
हनुमान जी को इस कलयुग का जीवित देवता माना जाता है। और माना जाता है की कहीं भी कोई धार्मिक कार्य होता है या कही भी श्री राम जी की कथा होती वहां कथा सुनने के लिए सबसे पहले हनुमान जी ही पहुंचते हैं। शास्त्रों की माने तो दुनिया में कुछ ही महँ आत्मा हैं जिन्हे चिरंजीवी यानि की अमर होने का आशीर्वाद मिला है जिनमे से एक हनुमान जी भी हैं।
और प्रभु हनुमान जी को ऐसे ही जीवित अमर चिरंजीवी देवता नहीं कहा जाता है। ये बात तब की है जब हनुमान जी लंका गए तब मां सीता को उनको देख कर बहुत खुशी हुई। तब माता सीता ने उनसे प्रभु श्री राम जी का समाचार पाकर इतने खुश हुए की उन्होंने हनुमान जी को चिरंजीवी होने का आशीर्वाद दे दिए।
Shri Hanuman Katha: राम भक्त हनुमान कहा मिलेंगे
Shri Hanuman Katha in Hindi की माने तो कहा जाता है की जहां राम जी होते हैं वहीँ हनुमान जी होते हैं। शास्त्रों की माने तो शास्त्रों इ अनुशार कहा जाता है कि जिस स्थान पर श्री रामचंद्र कथा होती है उस जगह पर कलयुग में भी सबसे पहले हनुमान जी कथा सुनाने आतें हैं। लेकिन हाँ, जो सच्चे मन से कथा करते है, उसी जगह पर हनुमान जी आतें हैं। और जो सच्चे man से हनुमान जी को बुलाते हैं तब प्रभु हनुमान जी दौड़े आते हैं।
अपने प्रभु की कथा में तो बस आना ही आना हैं। इसीलिए लोगों का मानना है कि महिने में एक बार अवश्य सत्यनारायण स्वामी का कथा अपने घर में जरूर करवानी चाहिए। इससे एक तो घर में शांति बनी रहती है और सुख समृद्धि भी बना रहता है। दूसरी बात ये की आपके घर में हनुमान प्रभु की कृपा बनी रहती हैं।
Hanuman Katha: हनुमान जी किसके अवतार थे?
हनुमान जी किसके अवतार थे इसका भी एक अलग ही वर्णन है और अलग ही कहानी है। कहा जाता है की जब त्रेता युग में भगवन श्री विष्णु जी ने प्रभु श्री राम के रूप में अवतार लिया तब भोले बाबा को खबर हुई की रावण के प्रकोप से धरती को मुक्त करवाने के लिए विष्णु जी ने अवतार लिया।
तब भोले बाबा को उनसे मिलने का मन हुआ। तो रुद्र अवतार लेकर हनुमान जी के रूप में भोले बाबा स्वयं अवतरित हुये। जो कि भोले बाबा को श्री राम का प्रेम उन्हें खींचकर ले आया और वह अवतार लेने पर विमर्श हो गए थे। लेकिन एक मान्यता ये भी है की हनुमान जी को पवन देव का अवतार है। और इसी लिए उन्हें पवन पुत्र भी कहा जाता है।
💠 गणेश जी की आरती | 💠 लक्ष्मी जी की आरती |
💠 दुर्गा जी की आरती | 💠 हनुमान जी की आरती |
💠 शिव जी की आरती | 💠 संतोषी माता जी की आरती |
हनुमान जी कितने वर्ष पहले जन्म लिए – Shri Hanuman Katha
हनुमान जी के जन्म के बारे में एकदम सटीक बताने का नामुमकिन है। इस कलयुग में कोई भी इतना ज्ञानी नहीं है। और जो भी ज्ञानी और महाज्ञानी पुरुष लोग हैं, वह किसी भी कलयुग के प्राणी को दर्शन नहीं देते। लेकिन कुछ महापुरुषो और पुराणों के अनुसार हनुमान जी का उम्र लगभग 58 हजार 112 वर्ष पहले हुआ था। उस समय त्रेता युग चल रहा था। जो कि एक तिहाई ही बची हुई थी। उस समय त्रेतायुग भी अपने अंतिम चरण पर थी और उसी समय हनुमान प्रभु का जन्म हुआ था।
Shri Hanuman Katha: किस माह, किस दिन, किस नक्षत्र, किस लग्न में हनुमान जी का जन्म हुआ था?
किस दिन, किस माह और किस नक्षत्र लग्न में जन्म हुआ हैं ये लोगो और पुराणों (Shri Hanuman Katha) के अनुसार और महात्माओं के अनुसार। एक मान्यता ये है की बजरंगबली का जन्म त्रेता युग के चैत्र माह के दिन हुआ था। उस दिन चैत्र माह का पूर्णिमा का दिन था और वह दिन मंगलवार का था।
और चित्रा नक्षत्र के मेष लग्न योग में हुआ था हनुमान जी का जन्म। प्रातः काल का समय 6:03 बजे में हनुमान जी का जन्म हुआ था। उसी दिन से चैत्र राम नवमी जो की बजरंगबली के जन्मोत्शव के रूप में हमलोग चैत्र के महीने में मनाते हैं। और मंगलवार का दिन भी उन्ही के जन्म के उपरांत उस दिन को हम लोग बजरंगबली के दिन के रूप में मनाते ह उसी दिन को झंडा लहराते हैं।
Shri Hanuman Katha: हमारे बजरंगबली का जन्म किस स्थान पर हुआ?
हमारे बाहुबली बजरंगबली कही और नहीं बल्कि हमारे ही भारत के एक राज जो की अभी का झारखण्ड राज्य के नाम से जाना जाता है जो की उस समय बिहार में हुआ करता था। उसी झारखंड राज्य के गुमला जिला में हुआ था। गुमला जिला का एक छोटा सा गांव जो आंजन नामक गांव के रूप में जाना जाता है|
उसी छोटे से गांव में प्रभु जी का जन्म हुआ था। यह एक छोटा सा गांव है जो की पहाड़ी गांव के रूप में जाना जाता है। बस इसी के साथ हम इस आर्टिकल को समाप्त करते हैं ओर आपसे अनुमति लेते हैं। प्रेम से बोलिए बागेश्वर धाम की जय, राम भक्त हनुमान की जय, जय जय श्री राम।।
हनुमान जी की कथा क्या है?
” हनुमान जी की कथा ” उनकी जन्मोत्शव से लेकर चिरंजीवी होने तक की कहानी है जिसमे उनके बचपन में किये गए शरारतों से लेकर भगवान श्री राम जी से मिलन, माता सीता जी का खोज, लंका दहन, तथा भगवन श्री राम जी के लिए सीना चिर कर दिखने तक सब लिखा गया है। दोस्तों हमारे हनुमान जी का बचपन का नाम मारुती है ओर बचपन में प्रभु जी काफी सरारती थे। इन्ही सारी कहानियों तथा कथाओं से निर्मित एक किताब हनुमान कथा (जिससे सुन्दर काण्ड भी कहते हैं ) है।
हनुमान जी कितने साल पुराने हैं?
दोस्तों, हनुमान जी के जन्म के बारे में एकदम सटीक जानकारी बताना तो लगभग नामुमकिन है। क्योंकि इस कलयुग में कोई भी इतना ज्ञानी नहीं है जिससे हनुमान जी के बारे में एकदम सच सच पता हो। लेकिन और जो भी ज्ञानी और महाज्ञानी पुरुष लोग हैं, वह किसी भी कलयुग के प्राणी को दर्शन नहीं देते। लेकिन कुछ महापुरुषो और पुराणों के अनुसार हनुमान जी का उम्र लगभग 58 हजार 112 वर्ष पहले हुआ था। उस समय त्रेता युग चल रहा था। जो कि एक तिहाई ही बची हुई थी। उस समय त्रेतायुग भी अपने अंतिम चरण पर थी और उसी समय हनुमान प्रभु का जन्म हुआ था।
हनुमान जी का असली नाम क्या है?
Hanuman Katha: शास्त्रों की माने तो हनुमान जी का बचपन का नाम मारुती है तथा हनुमान जी केशरी महाराज के पुत्र हैं इसीलिए उन्हें केशरी ननदान भी कहा जाता है। हनुमान जी के ओर भी कई नाम है जैसे की अंजनी पुत्र, पवन पुत्र, बजरंगबली, इत्यादि।
हनुमान जी पृथ्वी पर कब तक रहेंगे?
Shri Hanuman Katha: दोस्तों जैसा की मैंने आपको बताया की हनुमान जी को अमर होने का वरदान मिला है ओर कहा जाता है की जब भी कोई यज्ञं होती है तो उस यज्ञं में सबसे पहले हनुमान जी पहुँचते हैं । ओर शास्त्रों के अनुशार हनुमान जी इस धरती पर कलयुग के अंत तक रहेंगे।
कलयुग में हनुमान जी कहाँ है?
गंधमादन पर्वत: शास्त्रों के अनुशार हनुमान जी गंधमादन पर्वत पर कलयुग में भगवान हनुमान का निवास है, इसके कई प्रमाण कई जगहों पर मिलते है। ओर कहा जाता है की अगर कहीं भी यज्ञ होती है तो सबसे पहले हनुमान जी ही पहुँचते हैं।
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