क्या आपको पता है कि साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं अगर नहीं तो यह पोस्ट आपके लिए है। इस लेख में मैं आपको दुनिया के सबसे बड़े दिन के बारे में बताने वाला हूं साथ ही भारत में कौन सा दिन सबसे बड़ा व छोटा होता है उसके बारे में भी बताऊंगा। तो आर्टिकल को पूरा पढ़े।
हम सभी को यह पता है कि पूरे साल में ऐसे कई दिन और रात है जो किसी दिन बड़े और किसी दिन छोटे होते है। पूरे 24 घंटे समय होते है जिसमें हम रात को भी देखते है और दिन को भी देखते है। लेकिन कभी कभी ऐसा होता है कि किसी दिन रात थोड़ी देर से होती है और किसी दिन बहुत जल्दी रात हो जाती है। तो इस कारण हम सभी के मन में एक सवाल आता है कि ऐसा कौन सा दिन है जिस दिन रात बहुत छोटी होती है और दिन बहुत बड़ा होता है और किसी दिन रात बहुत बड़ी होती है और दिन बहुत छोटा रहता है।
यदि ऐसा ही सवाल आपके भी मन में उठता है तो यह आर्टिकल आपके लिए ही है जिसमें मैंने बताया है साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं और दिन रातो का छोटा बड़ा होना क्या है तो चलिए विस्तार से जानते है कि साल का सबसे लंबा दिन अथवा बड़ा दिन कब होता है।
साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं (Sabse bada din kab hota hai)
पूरे एक साल में कुल 365 दिन और रात होते है जिसमें कई दिन बड़े और कई दिन छोटे होते है। कभी रात बड़ी होती है तो कभी छोटी क्योंकि जिस दिन सूर्य की किरण ज्यादा देर तक पड़ती है तो वह दिन बड़ा माना जाता है।
इस प्रकार से साल का 21 जून का दिन बड़ा होता है क्योंकि प्रत्येक वर्ष 21 जून के दिन सूर्य की किरणे ज्यादा समय तक अपना प्रकाश फैलाए हुए रहती है।
भौगोलिक विशेषज्ञों के अनुसार 21 जून को सूर्य की किरणे लगभग 15-16 घण्टे तक रहती है जिससे यह दिन बड़ा हो जाता है। किन्तु जब हम जान लेते है कि सूर्य की किरण अथवा प्रकाश 21 जून को अधिक समय तक धरती पर पड़ती है जिससे दिन बड़ा होता है।
तो एक सवाल और उठता है जो हमें सोचने पर मजबुर करता है कि ऐसा कैसे और क्यों होता है? अर्थात् दिन और रात एक समान क्यों नहीं होते ये हमेशा समय समय पर और अलग अलग स्थानों पर छोटे बड़े क्यों होते है! तो इस सवाल का भी जवाब मैंने आगे दिया है आइए जानते है।
दिन बड़े और छोटे क्यों होते हैं
दिनों का बड़ा अथवा लंबा होना और छोटा होना एक भौगोलिक प्रक्रिया है। जिसके आधार पर धरती को भूमध्य रेखा से दो गोलार्धों में बांटा गया है उत्तरी गोलार्द्ध और दक्षिणी गोलार्द्ध, भूमध्य रेखा से उत्तर दिशा में उत्तरी गोलार्ध है और दक्षिण दिशा में दक्षिणी गोलार्ध स्थित है।
जब पृथ्वी घूर्णन करती है तो सूर्य की किरणे घूर्णन के आधार पर पृथ्वी पर पड़ती है। माना जब पृथ्वी घूमती है और उसके उत्तरी गोलार्ध पर सूर्य का प्रकाश अग्रसर होता है तो इस गोलार्ध में दिन बड़े होने लगते है और जब 21 जून को सूर्य कर्क रेखा के संपर्क में आता है तो उस दिन बड़ा दिन हो जाता है। जिस वजह से उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़ा होता है।
कभी कभी 22 जून को दिन बड़ा होता है लेकिन प्रायः 22 मार्च और 23 सितंबर को दिन व रात बराबर ही रहते है। 23 सितंबर के बाद राते बड़ी और दिन छोटे होने लगती है। 22 दिसंबर को रात सबसे बड़ी होती है और दिन सबसे छोटा होता है जिस करें 22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन भी कहा जाता है।
ठीक इसके विपरीत गोलार्ध अर्थात् दक्षिणी गोलार्ध में दिन रात बड़े व छोटे रहते है। जब उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़ा रहता है तो दक्षिणी गोलार्ध में दिन छोटा रहता है।
आशा करता हूं कि अब आपको साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं और कौन सा दिन छोटा होता है के सवालों का जवाब इस लेख में मिल गया होगा। यदि आपको अभी भी संतुष्टि नहीं हुई है तो हमे कॉमेंट करके अपनी राय जरुर बताए। उसका हम अतिशीघ्र निवारण करेंगे।
साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं से संबंधित – FAQs
दोस्तो अब तक हमने जाना की साल का सबसे बड़ा दिन कौन सा होता हैं? पर अब उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों पर भी प्रकाश डालेंगे और उनका उत्तर देंगे।
भारत में सबसे छोटा दिन कब होता है?
भारत में सबसे बड़ा दिन कब होता है?
सबसे बड़ा और सबसे छोटा दिन कब होता है?
उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन कब होता है?
सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात कब होती है?
सबसे छोटा दिन कब होता है?
सबसे बड़ा दिन कितने घंटे का होता है?
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