यजुर्वेद से जुड़ी संपूर्ण जानकारी सनातन धर्म में बहुत ही बड़ा महत्व और बहुत ही बड़ा ग्रंथ के रूप में मानता रखने वाले यजुर्वेद बहुत ही बड़ा ग में से एक माना जाता है हमारे सनातन धर्म में कई वेद है उन वेदों में से इस वेद का स्थान दूसरे नंबर पर आता है|
yajur veda in hindi pdf: इस वेद से जुड़ी हर एक जानकारी हम आज आपको बहुत ही अच्छे ढंग से बताएंगे यजुर्वेद में कौन-कौन सी बात का उल्लेख मिलता है इन सब बातों से जुड़ी भी जानकारी हम आपको अच्छे ढंग से प्रदान करने की कोशिश करेंगे तो चलिए जानते हैं इस वेद से जुड़ी संपूर्ण जानकारियां।
यजुर्वेद का अर्थ
इस वेद से जुड़ी संपूर्ण जानकारी के लिए आप एक बहुत ही अच्छे जगह पर आए हुए हैं हमारे सनातन धर्म में बहुत ही बड़ा महत्व रखने वाले यजुर्वेद जो की ऋग्वेद के बाद आने वाली दूसरी गर्नथो में से या कहें तो वेदों में से एक है यजुर्वेद चार वेदों में दूसरे नंबर पर आने वाले वेद है।
इस वेद को हिंदू ग्रंथो में आने वाली या कहे तो हिंदू धर्म में आने वाली एक महत्वपूर्ण स्तुति ग में से एक माना जाता है। यजुर्वेद हिंदू ग्रंथो में आने वाले महत्वपूर्ण वेद या कहें तो ग्रंथ हैं।
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यजुर्वेद का ग्रंथ का उल्लेख।
yajur veda in hindi pdf: यजुर्वेद के ग्रंथ में क्या-क्या उल्लेख मिलते हैं तो चलिए हम उनसे जुड़े जानकारी को जानते हैं इस वेद में मुख्य रूप से यज्ञ से जुड़ी जानकारियां अच्छे ढंग से प्रदान की गई है|
इसमें यज्ञ से जुड़ी असल में गद्य और पद्य मंत्रो का उल्लेख मिलता है या हिंदू धर्म के चार पवित्र और प्रमुख ग्रंथो में से एक ग्रंथ के रूप में माना जाता है असल में यह ऋग्वेद के बाद दूसरे वेद के रूप में मन भी जाता है।
यजुर्वेद की रचना किसने किया।
yajur veda in hindi pdf: इस वेद की रचना किसने किया हमारे सनातन धर्म में बहुत ही बड़ा महत्व रखने वाले वेद उनके रचना हमारे महर्षि वेदव्यास जी के द्वारा ही किया गया था उन्होंने ही चार वेदों को अलग-अलग प्रकार में विभाजन करके सभी वेदों को लिखा है इस प्रकार इस वेद की भी रचना महर्षि वेदव्यास ने जी ने ही किया है।
यजुर्वेद में किन-किन बातों का उल्लेख मिलता है।
यजुर्वेद ज्ञान कर्म और उपासना का पूरा का पूरा कर इस वेद में ही मिलता है। इस वेद में यज्ञ से जुड़े सारे नियम एवं कानून का संग्रह बहुत ही अच्छे ढंग से बताया और समझाया गया है। इस वेद के तीन प्रमुख तत्व या कहें तो शाखा है। ज्ञान कर्म और उपासना यह तीनों ही इस वेद की तीन प्रमुख तत्व या कहे तो शाखाएं हैं।
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yajur veda in hindi pdf: हिंदू धर्म में किए जाने वाले कर्मकांड का मुख केंद्र या कहे तो पुस्तक या कहें तो ग्रंथ भी यजुर्वेद ही है। किस या को किस विधि द्वारा या किस मित्रों के उच्चारण द्वारा किया जाना चाहिए या किया जाए इन सब से जुड़ी संपूर्ण जानकारी कोई इस वेद में बहुत ही अच्छे ढंग से ज्ञान पूर्वक हमारे महर्षि वेदव्यास जी ने अच्छे ढंग से इस बात को समझे हैं।
यजुर्वेद में सारे विघ्नों को भी अच्छे ढंग से बताया गया है हर एक बात को मध्य नजर रखते हुए इसमें किस मंत्र से किस यज्ञ को पूर्ण करना चाहिए? किस मंत्र से कि यज्ञ का फल मिलेगा? इन सब बातों को विस्तार पूर्वक इस वेद में समझाया और बताया गया है।
यजुर्वेद में कितने मंत्र और स्तुति पाई जाती है।
yajur veda in hindi pdf: इस वेद में कितने मंत्र और स्तुति पाए जाते हमारे सनातन धर्म में बहुत ही बड़ा महत्व रखने वाले वेदों में से एक माने जाने वाली इस वेद में आखिरकार कितने मंत्र स्तुति पाई जाती है।
इनमें वेदों की माने तो कुल मिलाकर 40 अध्याय पाई जाती हैं और 1975 कंदिकाए पाई जाती है तथा 3988 मंत्र का उच्चारण से पूरे सम्पूर्ण इस वेद की रचना की गई है| इन सभी को मिलाकर एक संपूर्ण आयुर्वेद की वेद पुस्तक को हमारे महर्षि वेदव्यास जी ने लिखा था।
यजुर्वेद 323 में क्या लिखा है।
शुक्ल यजुर्वेद 32.3 में कहा गया है कि ना तस्य प्रतिमा अस्थि अर्थात इसका मतलब है कि ईश्वर के समान कोई नहीं ध्यान रहे की संस्कृत में प्रतिमा का अर्थ केवल छवि नहीं होती जिन्होंने संस्कृत का पूर्ण अध्ययन नहीं किया हुआ है| उन्होंने उनको ही सिर्फ पता है प्रतिमा का मतलब संस्कृत में भी छवि होता है यह बिल्कुल ही गलत बात है।
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अर्थात इसका मतलब है कि सभी प्राणी सुखी होगी सभी रोग मुक्त हो गए सभी की मंगल कामना हो गए सभी मंगल में घटनाओं का साक्षी हो गए किसी को भी दुख का सामना नहीं करना पड़े
यजुर्वेद से जुड़ी संपूर्ण जानकारी को हम आज आप तक पहुंच चुके हैं आगे भी हमारे आर्टिकल पर आते रहिए और हिंदू और सनातन से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त करते रहिए बोलिए श्री वृंदावन बिहारी लाल की जय