रामनवमी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आज हम बात करने जा रहे हैं। हिंदू धर्म के बहुत ही बड़े त्यौहार रामनवमी के बारे में जिस की सनातन धर्म में एक अलग ही पहचान के साथ मनाया जाता है। रामनवमी में किस देवता की पूजा होती है। रामनवमी कब से मनाई जाती है। इस साल की रामनवमी कब है। और रामनवमी से जुड़ी संपूर्ण जानकारी आज हम आपको देने की कोशिश करेंगे और रामनवमी पर्व के बारे में आपको बताएंगे रामनवमी किस लिए भी मनाया जाता है। यह भी हम आपको आज बताने जा रहे हैं।
हमारे सनातन धर्म के बहुत ही मजबूर त्योहारों में से या कहे तो पर्वों में से एक रामनवमी चैत्र मास में मनाया जाता है। यह तो सभी सनातनी भाइयों को पता ही होगा लेकिन इस साल की रामनवमी कब मनाई जाएगी और कहां पर सबसे अधिक रामनवमी हर्षोल्लाह से मनाया जाता है। इन सारी बातों का आज खुलकर चर्चा करने जा रहे हैं। और आपको बतलाएंगे भी हर एक बात को तो चलिए जानते हैं। रामनवमी की शुरुआत कब से हुई है।
जानिए राम नवमी का महत्व और पूजा विधि – रामनवमी क्यों मनाई जाती है।
बहुत से लोग मन में सवाल उठता ही होगा कि रामनवमी क्यों मनाई जाती है आखिर का रामनवमी में किस भगवान की पूजा होती है तो चलिए हर एक बात को जानते हैं लेकिन सबसे पहले रामनवमी क्यों मनाई जाती है इस बात को जान लेते हैं।
रामनवमी इसलिए मनाई जाती है कि राम जी का जन्म चैत्र मास के नवमी के दिन ही हुआ था। जो की चैत्र शुक्ल पक्ष की नवम दिन ही था इस पूर्ण वर्ष नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या के कोख से दशरथ जी के घर जन्म हुआ था तब से ही सारे हिंदू और सनातनी भाई रामनवमी का त्योहार हमारे भगवान श्री राम प्रभु के जन्म के रूप में मनाते हैं।
राम नवमी तिथि, 2024 और शुभ मुहूर्त
इस साल का रामनवमी कब है रामनवमी हर साल आने वाला एक बहुत ही बेहतरीन त्योहारों में से एक जो हमारे पूरे धरती को भगवा रंग में रंग देने वाली त्यौहार है तो इस साल 2024 का रामनवमी कब है
साल 2024 का रामनवमी बुधवार 17 अप्रैल को है जो कि रामनवमी 16 अप्रैल को रात 1:30 पर प्रारंभ हो रही है और वही समापन की बात करें तो अप्रैल दोपहर 3:14 पर होगी इसीलिए उदया तिथि से होने के कारण इस बार का रामनवमी 17 अप्रैल को ही मनाने जाने की संभावना है और लगभग लोग मानेंगे भी इस साल के रामनवमी को 17 अप्रैल को ही मनाएंगे।
राम नवमी की पूजा विधि
रामनवमी कितने दिन का त्यौहार है।
रामनवमी कितने दिन का त्यौहार है देखिए रामनवमी तो वैसे 9 दिन का त्यौहार ही मनाया जाता है जिसकी शुरुआत 9 अप्रैल से ही हो गया था जिस दिन मां दुर्गा का कलश स्थापना हुआ उसी दिन से रामनवमी भी स्टार्ट हो चुकी थी। और इसका समापन 17 अप्रैल को होगा जिस दिन पूरे सनातनी भाई झंडा अपने-अपने घरों पर फहराएंगे या मंदिरों पर फहराएंगे उसी के साथ ही रामनवमी समाप्त होगी।
कहां कहां रामनवमी सबसे धूमधाम से मनाई जाती है
रामनवमी कहां-कहां सबसे अधिक धूमधाम से मनाई जाती है कहे तो किस मंदिर या किस जगह पर सबसे अधिक धूमधाम से रामनवमी को मनाया जाता है देखिए वैसे तो पूरे भारत के लिए है रामनवमी एक बहुत ही बड़ा त्योहार में से एक है इसलिए हर एक सनातनी भाग इसे हरसोलश के साथ मनाते हैं और इसमें बहुत ही अधिक संख्या में भाग लेते हैं और इस को बढ़िया ढंग से मनाते हैं
वैसे तो पूरे भारत में ही रामनवमी मनाई जाती है पर कुछ जगहों पर इसे देखते ही लायक शोभा रहती है जो हर एक भक्त को मंत्र मुक्त कर दे तो चलिए उसके बारे में भी जानते हैं जिसमें जगन्नाथ पुरी मंदिर भी शामिल है और तेलगन का भद्रचलम मंदिर भी शामिल है।
इन दोनों जगह पर बहुत ही हरसोलश के साथ रामनवमी पर्व को मनाया जाता है जगन्नाथ पुरी में वही रथ यात्रा से संशोधित होकर रात को निकाला जाता है जिसे की आम आदमी ही तेरा करते हैं तो वहीं भद्राचलम मंदिर भी रामनवमी के लिए फेमस है यहां भी बहुत ही हरसोलश के साथ रामनवमी पर्व को मनाया जाता है
इस दिन कुछ-कुछ जगह पर हमारे वीर हनुमान प्रभु के झंडा भी गाड़े जाते हैं और इसी दिन उन्हें पूरे शरीर पर महावीर लगाया जाता है जिससे कि हनुमान जी प्रभु हनुमान खुश हो सके इस दिन बहुत ही प्रकार का भोग भगवान के लिए भी लगाया जाता है।
Read More>> 16 Somvar Vrat Katha
राम नवमी की पूजा समाग्रारि लिस्मट – नवमी के दिन किस-किस चीज का प्रसाद चढ़ाएं।
रामनवमी के दिन किस-किस चीज का प्रसाद चढ़ाएं देखिए भगवान प्रसाद के भूखे नहीं होते हैं भगवान सिर्फ भाव के भूखे होते हैं इसलिए उन्हें जो भी प्रसादी चढ़ाएगा भगवान स्वीकार ही करेंगे लेकिन खास करके मुखदल मिस्री पेड़ा लड्डू सिंघाड़ा के लड्डू इमरती इस दिन हो सके तो बजरंगबली को पान का बीड़ा भी दे और भगवान को अच्छे-अच्छे फूल चढ़ाएं
तो बोलिए श्री वृंदावन बिहारी लाल की जय महाबली हनुमान की जय