vishnu puran: अगले जन्म में आप कौनसे प्राणी होंगे जानिए विष्णु पुराण कथा से

विष्णु पुराण कथा के संपूर्ण जानकारी: वैसे तो कई पुराण है पर विष्णु पुराण की संपूर्ण जानकारी के लिए आज हम आपको बतलाने जा रहे हैं आखिर कार्य विष्णु पुराण किस चीज पर आधारित है विष्णु पुराण कथा पढ़ने का महत्व विष्णु पुराण में किन-किन शक्तियों का वर्णन किया गया है|

इन सबसे जुड़ी जानकारी आज हम आपको देने जा रहे हैं सभी ग में महान विष्णु पुराण कथा इसकी रचना कैसे हुई इसमें लिखा हुआ तहत क्या है और भी अनेक जानकारियां जो आज हम आपको बतलाएंगे और इससे रूबरू भी कर आएंगे तो चलिए जानते हैं|

vishnu-puran

विष्णु पुराण कथा की संपूर्ण जानकारी लेने के लिए आपको ध्यानपूर्वक पूरा आर्टिकल को पढ़ना होगा हमारे सनातन धर्म में भगवान विष्णु का बहुत ही बड़ा महत्व है या माने तो वही जो इन ऑल देवता है यह उल्लेख कई ग्रंथ और पुराणों में भी मिलता है और विष्णु पुराण भी भगवान श्री हरि विष्णु के नाम पर ही लिखा गया पुराणों में से एक है।

विष्णु पुराण कथा में क्या-क्या उल्लेख लिखा हुआ है।

vishnu puran: विष्णु पुराण में क्या-क्या उल्लेख लिखा हुआ है| विष्णु पुराण कथा में इस पूरे ब्रह्मांड की उत्पत्ति का व्याख्या लिखा हुआ है और आश्रम व्यवस्था के भी संपूर्ण जानकारी इस पुराण में लिखी हुई है इसके अलावा भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की सर व्यापकता का वर्णन भी मिलता है ऐसे ऐसे ने को वर्णन इस पुराण में लिखा हुआ है जिसकी व्याख्या पूरी तो नहीं की जा सकती है पर संक्षिप्त में हम आज आपको समझाएंगे तो चलिए जानते हैं और आगे।

विष्णु पुराण कथा में भक्ति का वर्णन।

विष्णु पुराण कथा में सिर्फ ब्रह्मांड की उत्पत्ति और भगवान विष्णु के अलावा भी बहुत से बात लिखी हुई है जिसमें उनके भक्तों का भी महत्व दिया गया है जिसमें उनके भाग ध्रुव भक्त पहलाद जैसे-जैसे अन्य को भक्त की वर्णन मिलती है जहां भक्त होते हैं वहां भगवान होते हैं जहां भगवान होते हैं वहां ही भक्त होते हैं विष्णु पुराण में हर एक बात को बहुत ही अच्छे ढंग से समझाया गया है

vishnu puran: विष्णु पुराण में भक्ति के अलावा भी और भी कई अनेक वर्णन मिलती है जिसमें कई अनेक राजा हुए जो प्रतापी राजा के नाम से जाने जाते हैं जो दान पूर्ण भक्ति भाव रखते हुए अपने प्रजातंत्र को चलाते थे वैसे-वैसे राजा का भी इस पुराण में वर्णन दिया हुआ है वैसे में एक राजा हैं बीनू जो की बहुत ही भक्ति भाव रखने वाले राजाओं में से एक थे और अपने प्रजा का बहुत ही बढ़िया ढंग से ख्याल रखते थे।

विष्णु पुराण कथा में उनके भक्त और राजा महाराजाओं का जीवन गाथा भी पूरा लिखा हुआ है। इसके अलावा विष्णु पुराण में कृषि से जुड़ी जानकारी और गोरक्षा आदि का कार्यों का संरक्षण भी मिलती है एवं भारत 9 खंडों मैं मेदनी सप्तसागर का भूलेख विष्णु पुराण में बहुत ही अच्छे ढंग से किया हुआ है।

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विष्णु पुराण कथा को किन्होने लिखा और पढ़ने का महत्व।

vishnu puran: विष्णु पुराण को किसने लिखा और इसे पढ़ने का क्या महत्व होता है इससे जुड़ी भी जानकारी आज हम आपको देंगे विष्णु पुराण को लिखने वाले कोई और नहीं महर्षि वशिष्ठ के पौत्र और वेदव्यास के पिता पराशर ऋषि ने विष्णु पुराण की रचना किए थे

विष्णु पुराण कथा पढ़ने का इतना महत्व है कि आपके जीवन के समस्त पाप मत विष्णु पुराण पढ़ने से हैं कट जा सकते हैं विष्णु पुराण का हमारे सनातन धर्म में बहुत ही बड़ा महत्व दिया गया है अगर आपके जीवन में किसी प्रकार के कष्ट है तो आप एक बार विष्णु पुराण को पूरा संपूर्ण पढ़ ले उसके बाद अपने जीवन में आप बदलाव खुद-ब-खुद देख सकते हैं।

सबसे छोटा विष्णु पुराण कथा

वैसे तो विष्णु पुराण का बहुत ही बड़ा महत्व है लेकिन सही पुराणों में से सबसे छोटा विष्णु पुराण ही हैं जिसे पढ़ने मात्र आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं या पुराण में महत्व 7000 श्लोक हैं इसी के कारण इस पुराण को सबसे छोटा पुराणों में से एक माना जाता है।

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विष्णु पुराण में क्या-क्या लिखा हुआ है।

vishnu puran: विष्णु पुराण में क्या-क्या चीज़ लिखी हुई है विष्णु पुराण कथा में मुख्य रूप से श्री कृष्ण का चरित्र वर्णन का उल्लेख मिलता है और संक्षिप्त में मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का भी वर्णन मिलता है अष्टादश पुराणों में सबसे ऊंचा भगवान विष्णु का विष्णु पुराण का है महत्व मिलता है |

इसमें उन विषयों का भी उल्लेख मिलता है जैसे की भूगोल कर्मकांड राजवंश और श्री कृष्ण चरित्र का बहुत ही अच्छा ढंग से वर्णन मिलता है जिसके पढ़ने मौत से आपको शांति प्रदान होगी और खुशी प्रदान होगी सही पुराणों में से एक विष्णु पुराण को अपने जीवन में एक बार जरूर से जरूर पढ़ें यह मेरा नम्र निवेदन आप लोगों से है।

विष्णु पुराण कथा को 6 भागों में बांटा गया है इसमें से पहले भाग में पृथ्वी की रचना और कल की उत्पत्ति तथा भक्त ध्रुव पृथक और पहलाद की कथाएं लिखी हुई है| और दूसरे भाग में लोको का स्वरूप पृथ्वी के नौ खंडों तथा ग्रह नक्षत्र और ज्योतिषी का उल्लेख और वर्णन मिलता है।

और चार भागों को हम अगले आर्टिकल में बतलाएंगे आर्टिकल को लंबा ना करते हुए यहीं पर समाप्त करते हैं।

ॐ नमो

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