वायु पुराण में बताई गयीं हैं कुछ रहस्मयी जानकारियां जानने से होगा जीवन में बदलाव

Vayu Purana PDF: वायु पुराण से जुड़े संपूर्ण जानकारियां हमारे सनातन धर्म और हमारे हिंदू धर्म में वायु पुराण के कितने महत्व है आप सभी सनातनी भाइयों से छुपा थोड़े वायु के देवता को बहुत बड़ा महत्व दिया गया हमारे सनातन धर्म में वायु देवता जी के अवतार हमारे बजरंगबली भगवान थे।

तो चलिए जानते हैं वायु पुराण में किन-किन बातों पर चर्चा की हुई है, वायु पुराण के रचयिता कौन हैं और इस पुराण में कौन से भगवान को केंद्र मानकर इस पुराण की रचना कहे या उत्पत्ति हुई है इन सब बातों पर आज हम भरपूर प्रकाश डालेंगे और आपको बताएंगे।

वायु पुराण का दूसरा नाम क्या है?

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Vayu Purana PDF: वायु पुराण का दूसरा नाम क्या है वायु पुराण का दूसरा नाम बायविय पुराण है। वायु पुराण एक बहुत ही बड़ा पुरान था जिसको एक साथ साझा करने में बहुत से लोगों को परेशानी हो रही थी जिसके चलते इन दोनों को अलग-अलग कर दिया गया एक पुराना दूसरा को वायेवीय पुराण नाम दे दिया गया।

सर्दियों से दो पुराने एक साथी है लेकिन कुछ ज्ञानी और महापुरुषों के लगातार संशोधन के बाद से इन दोनों को अलग कर दिया गया और वायेविय पुराण को ब्रह्मांड पुराण के रूप में भी जाना जाता है।

वायु पुराण में क्या लिखा है?

Vayu Purana PDF: वायु पुराण में क्या लिखा हुआ है वायु पुराण में सबसे अधिक शिव उपासना अधिक बताया गया है जिसके चलते इसे शिव पुराण का भी अंग माना जाता है। और इसे शिव पुराण का दूसरा अंग भी माना जाता है।

और फिर भी इसमें बहुत ही अधिक भगवान श्री हरि विष्णु का मत पर विस्तृत प्रतिपादन मिलता है। इसलिए का कह पाना बहुत मुश्किल होगा कि इस पुराण में कौन से बातें बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण रखती हैं। खुद आपको जब वायु पुराण पढ़िएगा तब आपको समझ में आएगा।

वायु पुराण में खगोल से भी जुड़ी जानकारी को विस्तार पूर्वक बताया और समझाया गया है। भूगोल से जुड़ी जानकारी को वायु पुराण में बताया गया है। सृष्टि कम और युग की भी जानकारी वायु पुराण में मिलती है। तीर्थ और धार्मिक स्थलों की जानकारी को भी विस्तार पूर्वक बताया गया है।

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पित्रो की जानकारी मिलती है वायु पुराण में

Vayu Purana PDF: पित्रो की जानकारी वायु पुराण में मिलती है। और श्रद्धा और राजवंश और ऋषि वंश का भी उल्लेख किस में मिलता है। और वेद शाखाएं संस्कृति संगीत शास्त्र से भी जुड़ी जानकारी बाय पुराण में अच्छे ढंग से समझाया और बताया गया है।

इसमें भगवान भोलेनाथ की शिव भक्ति पर बहुत ही अधिक प्रकाश डाली हुई है। तो यह तो हुई वायु पुराण में लिखी हुई बातें चलिए और भी जानते हैं।

वायु पुराण में कितने पद हैं? Vayu Purana PDF

वायु पुराण में कितने श्लोक और अध्याय हैं। इस पुराण में कुछ विद्वानों की माने तो 112 अध्याय और 11000 श्लोक की संख्या मानी गई है। वायु पुराण में कुल मिलाकर चार पद या चार भाग हैंकुछ विद्वान लोग वायु पुराण को स्वतंत्र पुराण न मान कर इस पुराण को शिव पुराण और ब्रहण्ड पुराण का ही अंग मानते और जानते हैं।

इसलिए कुछ विद्वानों और ज्ञानियों महर्षियों का मानना है कि वायु पुराण पूर्ण रूप से स्वतंत्र पुराण नहीं है इसे शिव पुराण का ही अंग माना जाए या तो ब्रह्मांड पुराण का ही अंग माना जाए 112 अध्याय और 11000 शोक की संख्या वाली वायु पुराण की गिनती आज तक स्वतंत्र पुराण में नहीं हो पाई है।

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वायु पुराण के रचयिता कौन है? Vayu Purana PDF

वायु पुराण की रचना करने वाले व्यक्ति कौन हैं आखिरकार इतने बड़े पुराण की रचना कौन से महापुरुष ने किए हैं? वायु पुराण की रचना करने वाले हमारे महर्षि वेदव्यास जी हैं। जो कि हमारे ही देश में बैठकर भारत देश में इस पुराण की रचना किए थे।

वायु पुराण को कुल मिलाकर दो भाषाओं में अनुवाद किया गया है जिसकी पहली भाषा संस्कृत थी और बाद में इसे आम लोगों के लिए हल्का या कहे तो इजी करने के लिए हिंदी भाषा में भी लिख कर बनाया गया।

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