शिव पुराण: पूरी जानकारी, महत्व और मुख्य कथाएँ

शिव पुराण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी भगवान भोलेनाथ को सभी देवताओं को इस कहा गया है तो आज हम उन्हीं के शिव पुराण से जुड़ी कहानी के बारे में और उसे पुराण के बारे में हम आपको बात कर रहे हैं भगवान भोलेनाथ का शिव पुराण का महिमा अत्यंत दुर्लभ और बहुत ही सुगम रास्ता के रूप में बताए जाने वाले पुराने में से एक है।

आखिर शिव पुराण में कौन-कौन सी बात को लिखा गया इस शिव पुराण में कितने अध्याय और कितने श्लोक को लिखा गया है शिव पुराण हमारे जीवन में कौन-कौन सी बातें को बताती है शिव पुराण घर और गृहस्थी के जीवन के बारे में क्या बातें आती है जीवन जीने का तरीका कौन सा मंत्र सबसे शक्तिशाली है।

और बहुत से ऐसी बातें जो हम आज आपको शिव पुराण से जुड़े बात जो है भी है उन सब पर प्रकाश डालकर आपको बताएंगे तो चलिए जानते हैं शिवपुराण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

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शिव पुराण में कितने अध्याय हैं।

शिव पुराण में कुल मिलाकर कितने अध्याय हैं तो इसकी बात करें तो शिव पुराण के अनुसार कुल 6 अध्याय हैं जिस की इन नाम से जाना जाता है बाघेश्वर रूद्र शतुद्र कोटिरुद्र उमा और कैलाश संहिता है और शिव पुराण के अलावा अन्य पुराणों की बात करें तो उसमें कुल सात अध्याय को बताया गया है जिस की वायु संहिता के रूप में जोड़ा गया है।

शिव पुराण में किसने श्लोक और खंड हैं।

शिव महापुराण की बात करें तो शिव पुराण में कितने श्लोक और खंड हैं शिव पुराण में कुल मिलाकर 24000 के लगभग श्लोक पाए जाते हैं भोलेनाथ को सबसे प्रिया शिव पुराण में कुल मिलाकर खंडों की बात की जाए तो 11 खंड पाए जाते हैं।

शिव पुराण का वर्णन मत से ही आपके जीवन में सारे कष्ट दूर हो जाएंगे अगर आप इसका नित्य नियमित पाठ करते हैं तो तो आपके जीवन में आर्थिक स्थिति में सुधार पुत्र की प्राप्ति धन की प्राप्ति रोग से मुक्ति आदि बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा तुरन्त ही मिल जाएगी।

शिव पुराण का संबंध

शिव पुराण का संबंध शैब मत से है शिव पुराण में मुख्य रूप से शिव शक्ति का वर्णन और शिव महिमा का प्रसारण या कहे तो उच्चारण या कहें तो वर्णन मिलता है सभी पुराणों में यहां शिव पुराणों में भगवान शिव को त्याग तपस्या वात्सल्य तथा करुणा का मूर्तियां भगवान कहे गए हैं।

सभी पुराने और वेदों और ऋषि महात्माओं की माने तो कहा गया है कि भगवान भोलेनाथ बहुत ही जल प्रसन्न हो जाते हैं और मनवांछित फल की प्राप्ति दे देते हैं। शिव पुराण से जुड़ी और भी बात हम आपको आगे बताते चलते हैं।

शिव पुराण पढ़ने का नियम क्या है।

शिव पुराण पढ़ने का नियम क्या है शिव पुराण पढ़ते या सुनने से पहले भगवान शिव का ध्यान करें और उनका संकल्प करें उसके बाद अगर पूर्ण कथा सुनिए या पढ़िएगा तो उसका पूरा लाभ आपको मिलेगा जो भी व्यक्ति अगर शिव पुराण पड़ता है या सुनता है तो उसे एक टाइम भोजन ही करना चाहिए और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए तब ही आपको शिव पुराण पढ़ने का पूर्ण फायदा और लाभ महसूस होगा और मिलेगा

शिव पुराण में क्या-क्या कहा गया है।

शिव पुराण में क्या-क्या कहा गया है भगवान शिव के पुराण में जो भी व्यक्ति पड़ता है उसे भय से मुक्ति मिलती है इस शिव पुराण के पढ़ने वाले व्यक्ति को भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है अगर आप अपने जन्म में कोई पाप किए हैं उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो शिव पुराण आपके लिए बहुत ही अधिक लाभकारी साबित होगा

और सबसे अधिक शिव पुराण पढ़ने का महिमा तो तब मिलता है जब आप इसे सावन के महीने में शिव पुराण को पूरा पढ़ते हैं या सुनते हैं या पाठ करते हैं। तो आपके जीवन में सारे कष्ट दुःख से मुक्ति मिल जाएगी।

शिव पुराण के अनुसार कर्ज से मुक्ति कैसे मिलती है।

शिव पुराण के अनुसार कैसे मुक्ति पाने का सबसे आसान तरीका कौन सा है शिव पुराण में कहा गया है कि भगवान भोलेनाथ को सोमवार के दिन जल में अक्षत या कहें तो चावल मिलाकर चढ़ाने से आपके जीवन में जितने अधिक हो या काम हो सभी कार्यों से मुक्ति मिल जाएगी शिवलिंग पर चावल चढ़ाना बहुत ही अधिक शुभ माना जाता है चावल चढ़ाने से धन से संबंधित सारी समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है और आर्थिक स्थिति में सुधार होती है।

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शिव पुराण में क्या लिखा हुआ है।

शिव पुराण में क्या लिखा हुआ है शिव पुराण में मुख्य रूप से भगवान भोलेनाथ की महिमा का वर्णन दिया हुआ है भगवान भोलेनाथ को तुरंत खुश करने का उपाय इसमें बताया गया है उनको कौन से मंत्र से कैसे आप खुश कर सकते हैं किस प्रकार आप खुश करते हैं।

इन सब से जुड़ी बातों को इससे पुराने बताई गई है भगवान शिव को खुश करने के लिए शिव पुराण में कुछ उपाय भी बताई गई है इस शिव पुराण में भगवान भोलेनाथ की लीलाओं का भी वर्णन मिलता है शिव पुराण में भगवान शिव को खुश करने के लिए बहुत से रहस्य बताए गए हैं।

शिव पुराण पढ़ने से भक्तों को बहुत अधिक लाभ मिलता है और उसके जीवन में आने वाली बहुत से कठिनाइयां दूर होती है अकाल मृत्यु तक भी डाला जा सकता है पुत्र रत्न की प्राप्ति आप कर सकते हैं आप शिव पुरान पढ़ कर रंक से राजा बन सकते हैं।

जैसे बहुत से महत्वपूर्ण बातों को शिव पुराण में बताया गया है इसमें मुख्य रूप से भगवान शिव की महिमा का और उपासना का वर्णन मिलता है 16 सोमवार व्रत कथा की भी पूरी जानकारी और प्राप्ति के लिए ही वर्णन मिलता है।

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शिव पुराण के रचना करने वाले कौन हैं।

शिव पुराण की रचना करने वाले कौन है वर्णन की बात किया जाए तो सबसे पहले वर्णन इनको कौन किए थे इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं है लेकिन इसकी रचना की बात की जाए तो इनकी भी रचना करने वाले हमारे महर्षि वेदव्यास ही हैं।

जो भारत में ही बैठकर संस्कृत भाषा में इसकी पूरी व्याख्या या शिव महिमा का वर्णन उन्होंने अपने ही हाथों से किए थे महर्षि वेदव्यास को भी बहुत ही बड़ा ज्ञानी ऋषि के रूप में मानते हैं कुछ लोगों ने भगवान के रूप में भी देखते हैं।।

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