पद्म पुराण: हर तरह के सुख चाहिए तो यह काम अवस्य करिये

padma purana: पद्म पुराण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी हिंदू धर्म और सनातन में बहुत बड़ा महत्व रखने वाले पुराण उसमें से पद्म पुराण की संपूर्ण जानकारी पद्म पुराण में कौन-कौन सी बातों पर प्रकाश डाले हुई है पद्म पुराण की रचयिता कौन से महर्षि या देवता हैं।

पद्म पुराण में मुख्य रूप से कौन से भगवान को केंद्र माना गया है पद्म पुराण कितना पुराना पुराना है और भी पद्म पुराण से जुड़े जानकारी हम आज आपको अच्छे ढंग से समझेंगे पद्म पुराण में मुख्य रूप से कुछ-कुछ बातों पर प्रकाश डाली हुई है तो चलिए देर ना करते हुए पद्म पुराण से जुड़ी जानकारी आपको बताते चलते हैं।

पद्म पुराण से जुड़ी संपूर्ण जानकारी | padma purana

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18 पुराणों में अलग-अलग देवी देवताओं और भगवानों को केंद्र मानकर पाप और पुण्य, धर्म और अधर्म, कर्म और कुकर्म, भक्ति और आसक्ति की गाथाएं कही गई है। कुछ पुराने में सृष्टि के उत्पन्न से लेकर सृष्टि के अंत तक की संपूर्ण विवरण और जानकारियां मिल जाती है।

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तो किसी-किसी पुराने में भक्ति करने की क्रिया को दर्शाया गया किसी किसी में दान पूर्ण और यज्ञ धर्म कर्म का विद्या को दर्शाया गया है इसी तरह हर एक पुराण में अलग-अलग बात को अलग-अलग तरीके से दर्शाया गया है पुराने का शब्द अर्थ है प्राचीन या पुराण उसी को पुराण कहते हैं।

पद्म पुराण के रचयिता कौन है। padma purana

पद्म पुराण के रचयिता कौन हैं। महर्षि वेदव्यास जी ने पद्म पुराण की रचना अपने ही हाथों द्वारा किए थे उन्होंने इस पुराण में धाम यज्ञ दान पूर्ण कम से जुड़ी जानकारी पर प्रकाश डालकर बताई हैं और पूजा व्रत तीर्थ यात्रा और मंत्र को विशेष करके आदर्श हैं।

उपासना विधि विधान और देवताओं के महिमा की भी वरन पूर्ण रूप से पद्म पुराण में लिखी हुई है ।इतिहास राजनीतिक सृष्टि प्रलय शिव विष्णु गणेश लक्ष्मी सूर्य गंगा जमुना जैसे भगवानों पर की पूर्ण विवरण और जानकारी उन्होंने महर्षि वेदव्यास ने बताए हुए हैं।

रामायण महाभारत उपनिषद ब्रह्मा प्राणायाम योग मोक्ष जैसे बातों पर पद्म पुराण में विशेष करके प्रकाश डाली हुई है चलिए जानते हैं और भी आगे की ओर पद्म पुराण से जुड़ी जानकारियां।

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पद्म पुराण में किस बात पर प्रकाश डाली हुई है। padma purana

पद्म पुराण में कौन-कौन सी बातों पर प्रकाश डाली हुई है इसमें मुख्य रूप से भगवान विष्णु के रूप और उनके गुना का मुख्य रूप से वर्णन मिलता है और उनके साथ में भगवान श्री राम और श्री कृष्ण जी इन दोनों देवताओं का भी चरित्र वर्णन का पूर्ण उल्लेख पद्म पुराण में मिलता है।

भगवान शालिग्राम का शरीर का वर्णन इसी से मिलता है। माता तुलसी की भी महिमा को पद्म पुराण में विशेष करके बताया गया है विश्व के विभिन्न तीर्थ का महत्तम को विशेष करके पद्म पुराण में अच्छे ढंग से दर्शाया और बताया गया है विभिन्न व्रत का भी और उनके करने का भी विधि को विशेष करके अच्छे ढंग से पद्म पुराण में बताया गया हैं।

पद्म पुराण में मिलता है इन बातों का भी वर्णन।

padma purana: पदम पुराण में विभिन्न सी बातों पर प्रकाश डाले हुए हैं उन्हें में से एक बात यह है कि सृष्टि की उत्पत्ति कैसे हुई यह भी पद्म पुराण में ही लिखा हुआ है। अर्थात ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना की संपूर्ण विवरण भी पद्म पुराण में मिलता है। और भी अन्य प्रकार के ज्ञानो से पड़ी पूर्ण है ये पद्म पुराण अनेक विषयों के गंभीर रहस्य का इसमें उद्घाटन किया गया है और विशेष करके बताया गया है।

पद्म पुराण में मुख्य रूप से पांच खंड का वर्णन मिलता है। जिसमें सृष्टि खंड जो को जो की एक लंबा अध्याय है। भूमि खंड भी पद्म पुराण का ही एक अध्याय है जो कि अभी बहुत बड़ा अध्याय है। स्वर्ग खंड जिसमें स्वर्ग के बारे में विशेष करके बताया गया।

और फिर ब्रह्म खंड और उत्तराखंड पर विशेष करके प्रकाश डाले हुए जिनमें कुल मिलाकर यह पांच करो में पद्म पुराण को विभाजित किया गया और बांटा गया है।

पद्मपुराण में कितने श्लोक हैं?

पद्म पुराण में शोक की संख्या कितनी है पांच खंडों में विभाजित पद्म पुराण में सलोक की कुल संख्या 55000 मानी गई है और इसे ही शोक की संख्या में जीना और माना जाता है।

पदम पुराने प्राचीन पुराणों में से एक है जिसमें भगवान विष्णु और श्री राम श्री कृष्णा और शालिग्राम जी का श्लोक और गाथाएं पाई जाती है मां तुलसी का भी वर्णन तो भी मिलता है।

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पद्म पुराण में क्या लिखा है?

padma purana: 18 पुराने की संख्या हमारे सनातन धर्म में पाई जाती है। जिसमें पद्म पुराण की क्रमवार संख्या में दूसरे नंबर पर आने वाली पुराण मानी जाती है। इस पुराण में मुख्य रूप से भगवान विष्णु को केंद्र मानकर उन्हें ही बताया गया है, जो भगवान शालिग्राम को शराब ग्रसित होकर पत्थर के बन गए थे।

उनका भी इसमें शरीर का वर्णन मिलता है और भी जैसे दान पूर्ण पूजा पाठ आदि सृष्टि ब्रह्मा जी की उत्पत्ति जैसे अनेक प्रकार के बातों का पुराणों में वर्णन मिलता है पुराणों का अर्थ ही है प्राचीन और पुराना यह बात को हमने ऊपर ही बता बता दिए हैं।

इसमें हर एक भगवान पर की पूजा की विधि दान पूर्ण एक जैसे अनेक वीडियो को ध्यानपूर्वक बताया गया है महर्षि वेदव्यास जी ने एक भी बात को अनसुना ना करते हुए हर बात को विशेष करके बताए हैं।

बोलिये श्रीमन नारायण भगवान की जय श्री वृंदावन बिहारी लाल की जय श्री पदम पुराण की जय।

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