हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है जाने जो हनुमान जी के इस रूप की पूजा उपासना करेगा उसे तुरंत फल प्राप्त होगा। हनुमान जी की कृपा प्राप्त होगी..
जो इनके इस स्वरूप का ध्यान और पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होगी।
वैसे तो हनुमान जी के अनेकों रूप है किन्तु सभी रूपों में श्रेष्ठ रूप कौन सा है जिसकी पूजा करने से सबसे अधिक फल की प्राप्ति होती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताए की हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है तो लेख को पूरा जरूर पढ़े।
साथ ही इस लेख में हनुमान जी के स्वरूप की पूजा के नियम, लाभ, और पूजा करने का सही समय का भी वर्णन है। तो चलिए जानते है कि हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है और कैसे पूजा करे जिससे हनुमान जी प्रसन्न होकर हमारी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करे।
हनुमान जी की पूजा कैसे करनी चाहिए
हनुमान जी के किस रूप की पूजा सबसे फलदायी है
हनुमान जी की पूजा के नियम
हनुमान जी के पूजा के संबंध में कुछ विशेष नियम:
# हनुमान जी की पूजा ब्रह्ममुहुर्त में शुभ मानी जाती है।
# हनुमान जी की पूजा सुबह के 4 बजे से 9 बजे तक कर सकते है, इस समय पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है।
# हनुमान जी ब्रह्मचारी है अतः ऐसा कोई भी कार्य नहीं करे जिससे उनका अपमान हो।
# शयन कक्ष में हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए
# महिलाओं को हनुमान जी की मूर्ति पर जल, वस्त्र, सिंदूर नही अर्पित करना चाहिए
# हनुमान जी की पूजा सदैव ईशान दिशा में करनी चाहिए।
हनुमान जी की पूजा के लाभ
हनुमान जी के पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त मिलता है। घर में सदैव सुख समृद्धि बनी रहती है। हनुमान जी भगवान श्री राम के बहुत बड़े भक्त है अतः यदि आप अपने घर में श्री राम जी की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना करते है तो हनुमान जी प्रसन्न होते है और आपकी सभी समस्याओं का निवारण कर देते है। जीवन के मार्ग की सभी बढ़ाओ को दूर करके संकट को हर लेते है। इसी लिए हनुमान जी का दूसरा नाम संकट मोचन नाम भी है।
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हनुमान जी की पूजा का सही समय
हनुमान जी के पूजा करने के लिए सबसे उचित समय सुबह का ब्रह्ममुहुर्त माना गया है। पूजा विधि नियम के संदर्भ में कई ग्रंथो में भी वर्णन है की सुबह का समय सूर्योदय के पूर्व हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
Aapne to puri jankari di hi nhi…